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जमीन घोटाले मामले में सीएम ने किया अधिकारियों से जवाब तलब

करीब चार दशक पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी)अधिग्रहित की गई जमीन को लेकर लगाए गए घोटालों के आरोपों की जांच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद अपनी निगरानी में शुरू करा दी है। बगैर रिलीज किए करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन को एक बिल्डर को कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस देने का आरोप है। बिल्डर पर मेहरबानी दिखाने का आरोप कांग्रेस के एक तथा एक भाजपा नेता पर लग रहा है। इस घोटाले का भंडाफोड़ भाजपा के दो नेताओं ने छह दिन पहले प्रेस कांफ्रेस कर किया था। जिसके बाद कांग्रेस व इनेलो नेताओं ने भी प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:58 PM (IST)
जमीन घोटाले मामले में सीएम ने किया अधिकारियों से जवाब तलब
जमीन घोटाले मामले में सीएम ने किया अधिकारियों से जवाब तलब

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

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करीब चार दशक पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन को लेकर लगाए गए घोटालों के आरोपों की जांच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद अपनी निगरानी में शुरू करवा दी है। बगैर रिलीज किए करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन को एक बिल्डर को कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस देने का आरोप है। बिल्डर पर मेहरबानी दिखाने का आरोप एक कांग्रेस तथा एक भाजपा नेता पर लग रहा है।

इस घोटाले का भंडाफोड़ भाजपा के दो नेताओं ने छह दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस कर किया था। इसके बाद कांग्रेस व इनेलो नेताओं ने भी प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। मामला सीएम के संज्ञान में आया तो उन्होंने शिकायत करने वाले भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज तथा पूर्व महामंत्री अनिल यादव को फोन कर मामले की जानकारी ली थी। उसके बाद सोमवार को उन्होंने सभी आरोपों की जांच के लिए निदेशक शहरी संपदा विभाग मुकेश आहूजा को निर्देश जारी किए थे।

निदेशक ने शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर सभी दस्तावेज ले लिए थे। उन्हीं दस्तावेज को लेकर मुकेश आहूजा मंगलवार को सीएम के चंडीगढ़ स्थित आवास पर गए। बताते हैं कि सीएम ने सभी कागजातों को बड़ी बारीकी से देखने बाद आहूजा को निर्देश दिया कि जांच पूरी ईमानदारी से की जाए, इसमें जो भी दोषी मिले, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सेक्टर 12 तथा 12 ए में स्थित जिस जमीन को लेकर घोटाले के आरोप लगाए गए हैं वह 1977 से 1983 के बीच अधिगृहीत की गई थी। आरोप हैं कि सरकारी जमीन पर प्राइवेट आवासीय कॉलोनी बनाने में 300 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। एचएसवीपी के कुछ अधिकारियों ने एक पूर्व मंत्री तथा भाजपा के एक नेता के इशारे पर गैरकानूनी तरीके से जमीन को बगैर रिलीज किए कॉलोनी के लिए लाइसेंस दे दिया। हमारी सरकार पर कोई आंच नहीं आए, इसलिए हमने इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। मुझे उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने मुझे फोन कर पूरी जानकारी ली थी।

- कुलभूषण भारद्वाज, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा


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