देर रात तक गूंजा पटाखों का शोर, सुबह आसमान में छाया स्मॉग
दीवाली की रात को बुधवार देर रात तक आतिशबाजी का दौर चलता रहा। पटाखों का शोर देर रात तक गूंजता रहा। शहरवासियों ने भी जमकर आतिशबाजी का आनंद लिया। आतिशबाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी दिवाली की रात को दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में जमकर आतिशबाजी हुई। लोगों में जागरूकता के चलते कुछ असर यह रहा है कि गत वर्ष के मुकाबले शहरी क्षेत्र में 30 से 40 फीसद बम-पटाखें जो कि अधिक शोर वाले थे वे इस बार भले ही कम छोड़े गए हो लेकिन हवा में प्रदूषण अधिक होने
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
दीपावली की रात को बुधवार देर रात तक आतिशबाजी का दौर चलता रहा। पटाखों का शोर देर रात तक गूंजता रहा। शहरवासियों ने भी जमकर आतिशबाजी का आनंद लिया। आतिशबाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी दीपावली की रात को दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में जमकर आतिशबाजी हुई।
लोगों में जागरूकता के चलते कुछ असर यह रहा है कि गत वर्ष के मुकाबले शहरी क्षेत्र में 30 से 40 फीसद बम-पटाखे जो कि अधिक शोर वाले थे वे इस बार भले ही कम छोड़े गए हो लेकिन हवा में प्रदूषण अधिक होने के कारण लोगों को दिक्कतें अधिक झेलनी पड़ी। हृदयघात, दमा व अन्य कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों को बढ़ते प्रदूषण से परेशानी अधिक हुई।
बृहस्पतिवार सुबह जैसे ही लोग उठे तो पूरे आसमान में स्मॉग छाया रहा। धुएं के गुब्बार साफ देखे जा सकते थे जो दोपहर तक रहे।
कोर्ट की सख्ती के बाद खुले तौर पर तो पटाखों की दुकानें नहीं लगी लेकिन प्रशासनिक ढुलमुल कार्रवाई के चलते बम-पटाखे बेचने वालों ने चोरी-छुपे महंगे रेट पर खूब बेचे। ऐसा नहीं कि अधिकारियों को इसका पता नहीं था लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। दीपावली की शाम से लेकर देर रात तक आसमान बम पटाखों की आवाज से गूंजते दिखे। देर रात तक काफी लोगों ने प्रदूषण की परवाह न करते हुए पटाखे छोड़े। पटाखों का न शोर कम हुआ, न धुआं
पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार प्रदूषण कम हुआ या नहीं इसका पता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 2-3 दिन बाद आने वाले आंकड़े बताएंगे। बढ़ता प्रदूषण आज पर्यावरण पर कितना कुप्रभाव डाल रहा है इसका ध्यान न तो किसी को था और न ही कोई ¨चता। दीपावली से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तमाम प्रयास और न्यायिक आदेश पूरी तरह से न सिर्फ बेअसर रहे, बल्कि पटाखों के धुएं में ही उड़ते रहे। हर बार की तरह इस बार भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दीपावली से कई दिन पहले अभियान चलाया गया। स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों तक दीपावली प्रदूषण मुक्त मनाने का संदेश पहुंचाया गया। इसके साथ ही कानूनी आदेशों को लेकर लोगों से 10 बजे के बीच ही आतिशबाजी करने का आह्वान किया गया, लेकिन दीपावली की रात न लोगों को किसी आदेश की ¨चता थी और न ही आह्वान का कोई ध्यान। आधी रात तक शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी आतिशबाजी जारी रही। दीपावली पर आम दिनों के मुकाबले कितनी अत्यधिक मात्रा में प्रदूषण हुआ, इसको लेकर तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े अभी नहीं आए हैं, लेकिन अत्यधिक धुआं और शोर ने न सिर्फ हृदय और सांस के रोगियों को बल्कि स्वस्थ लोगों को भी हांफने पर मजबूर किया। पटाखे चलाने का दौर तो 6 बजे से ही शुरू हो गया था लेकिन जिस समय के बाद पटाखे छोड़ने पर मनाही थी। उस समय के बाद ही सबसे ज्यादा पटाखे छूटे।
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प्रदूषण रोकने के लिए विभाग ने लोगों को किया जागरूक: पाल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सतेंद्र पाल का कहना है कि दीपावली से कई दिन पहले तक विभाग द्वारा प्रदूषण रोकने के उपायों पर कार्य किया गया था। इसके लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए भी कार्यक्रम हुए। लोगों से निर्धारित समय के बीच ही आतिशबाजी करने और कम से कम पटाखे जलाने का आह्वान भी किया गया। जहां तक तय समय के बाद आतिशबाजी रोकने का सवाल है तो इस पर पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। प्रदूषण का स्तर कितना रहा यह दो-तीन दिन में पता चल पाएगा।