सात शर्तें लगाकर रोहतक मंडल के आयुक्त ने स्वीकृत किया बजट, आय अर्जित के करने होंगे प्रयास, प्रस्तावित से अधिक खर्च पर देना होगा स्पष्टीकरण
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: नगर परिषद का वर्ष 2018-19 का वार्षिक बजट रोहतक मंडल
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
नगर परिषद का वर्ष 2018-19 का वार्षिक बजट रोहतक मंडल के आयुक्त की ओर से सात शर्तें लगाकर स्वीकृत कर दिया है। बजट को स्वीकृति देते समय लगाई गई इन शर्तो के हिसाब से नगर परिषद के अधिकारियों को अब काफी एहतियात से बजट की राशि खर्च करनी होगी और प्रस्तावित आय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ज्यादा दौड़-धूप करनी होगी। आयुक्त ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए हैं कि नप के बजट में प्रस्तावित आय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भरपूर प्रयास किए जाएं और अगर यह लक्ष्य पूरा नहीं होता है तो उन कारणों सहित स्पष्टीकरण दिया जाए। साथ ही अगर प्रस्तावित खर्च के बजट से नप कार्यालय ज्यादा राशि खर्च करता है और उसका औचित्य स्पष्ट करना होगा। बजट के खर्च और आय आदि को बैलेंस रखने के लिए आयुक्त ने उपायुक्त व बहादुरगढ़ के एसडीएम को नप की ओर से कराए जाने वाले कार्याें की समीक्षा एवं निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। बजट स्वीकृत होने के बाद अब नप के अधिकारियों ने आयुक्त की शर्ताें के अनुसार आय का लक्ष्य हासिल करने व खर्च पर कंट्रोल करना होगा। इसके लिए बहुत जल्द ही नप के कार्यकारी अधिकारी की ओर से संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। --उपायुक्त ने वापस लौटा दिया था बजट,
गौरतलब है कि नप के मौजूदा बजट को लेकर गत 13 अप्रैल को बोर्ड की बैठक हुई थी जिसमें नप का आम बजट पास कर दिया गया था मगर नप की स्थापना शाखा की ओर से खर्च के बजट में तकनीकी खामियां हो गई थी। बजट के खर्च की मद में से अकाउंट कांट्रेक्ट के खर्च में 9.91 लाख के स्थान पर 9.91 करोड़ चला गया था। ऐसे में पूरे बजट का खर्च बढ़ गया था जो 52.91 करोड़ हो गया था। इस वजह से उपायुक्त ने इस बजट को वापस कर दिया था। उपायुक्त ने निर्देश परसंशोधित बजट को पास करने के लिए 27 अगस्त को बैठक बुलाई गई थी, जिसमें संशोधित बजट पास कर दिया गया था। खर्च का बजट जो 52.91 करोड़ था वह संशोधित होने के बाद 43.09 करोड़ कर दिया गया था। चूंकि नगर परिषद के बजट को हाउस में पास होने के बाद रोहतक मंडल के आयुक्त की ओर से स्वीकृति दी जाती है इसी के चलते बजट पास होने के बाद इसे उपायुक्त के माध्यम से रोहतक मंडल के आयुक्त के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। रोहतक मंडल के आयुक्त ने अब सात शर्तें लगाकर बजट को पास कर दिया है। ये लगाई गई हैं सात शर्तें:
- हर माह खर्च का ब्यौरा उनके पास भिजवाया जाए।
- बजट में आय की मदों के अनुसार उसे अर्जित करने के पूरे प्रयास किए जाएं। अगर आय का लक्ष्य पूरा नहीं होता है तो उसके कारण स्पष्ट किए जाएं।
- बजट में खर्च की गई मदों के अनुसार ही राशि खर्च की जाए। अगर निर्धारित राशि से अधिक खर्च होता है तो उसका भी कारण स्पष्ट किया जाए।
- विकास कार्यो के लिए सटीक अनुमान तैयार किए जाएं। -बजट नियंत्रण के लिए उपायुक्त एवं एसडीएम को नप के कार्याें की समीक्षा एवं निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।
- बजट राशि को खर्च करने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
- बजट के खर्च की हर माह भौतिक व वित्तीय प्रगति हर माह 10 तारीख तक उनके कार्यालय में भिजवाई जाए। --बजट में इन मुख्य मदों से प्रस्तावित है आय:
मद राशि
सेविंग पर ब्याज 2.50 करोड़
प्रापर्टी टैक्स 5 करोड़
स्टांप डयूटी 14 करोड़
शाप रेंट 1.50 करोड़
इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी 3 करोड़
विकास शुल्क 4 करोड़
एडवांस एंड डिपोजिट आदि 6 करोड़
एक्साइज ड्यूटी 9.50 करोड़
मिसलेनियस आय 1.50 करोड़
अर्नेस्ट मनी 3 करोड़ --बजट में यह है खर्च की मदों का पूरा विवरण:
मद राशि
स्थापना शाखा 22.24 करोड़
कंटीजेंसी 8.30 करोड़
विकास कार्य 11.55 करोड़
लोन की रिपेंट 1 करोड़
कुल 43.09 करोड़ विकास कार्यो के लिए प्रस्तावित खर्च:
मद राशि
कार्यालय 1 करोड़
रिपेयर 20 लाख
पार्क के विकास 1 करोड़
पार्क मरम्मत 1.50 करोड़
नालों का निर्माण 1.50 करोड़
गली निर्माण 2 करोड़
हाईटेंशन लाइन 3 करोड़
अन्य विकास 15 लाख
परचेज आफ स्टोर 50 लाख
परचेज मशीनरी 70 लाख
कुल 11.55 करोड़
बजट को मिल गई आयुक्त की स्वीकृति:शीला इस बारे में नगर परिषद की प्रधान शीला राठी ने बताया कि नगर परिषद के वर्ष 2018-19 के आम बजट की स्वीकृति रोहतक मंडल के आयुक्त की ओर से कर दी गई है। उन्होंने निर्धारित आय के लक्ष्य को पूरा करने तथा खर्च पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बैठक लेकर आयुक्त की ओर से जारी किए गए निर्देशों अनुसार ही कार्य करने की हिदायत जारी की हैं। उन्होंने कहा कि आय के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रही बात खर्च की तो वो भी बजट में दी गई मदों के अनुसार ही किया जाएगा।