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बेटी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर रिटायर्ड सुबेदार से सवा नौ लाख ठगे

बहादुरगढ़ : बेटी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर बहादुरगढ़ के एक रिटायर्ड सूबेदार से सवा नौ लाख रुपये ठग लिए गए। अब शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठगी करने वालों का अभी कोई सुराग नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 11:31 PM (IST)
बेटी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर रिटायर्ड सुबेदार से सवा नौ लाख ठगे
बेटी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर रिटायर्ड सुबेदार से सवा नौ लाख ठगे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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बेटी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर बहादुरगढ़ के एक रिटायर्ड सूबेदार से सवा नौ लाख रुपये ठग लिए गए। अब शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठगी करने वालों का अभी कोई सुराग नहीं है।

जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ के सेक्टर 7 निवासी जयशंकर सेना से 30 पिछले साल 31 मार्च को ही सुबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी पुत्री पल्लवी ने 6 मई को नीट की परीक्षा दी थी और विभिन्न कॉलेजों में एमबीबीएस के दाखिले के लिए आवेदन किया था। इसके लिए 2018 में जुलाई से लेकर अगस्त तक काउंस¨लग भी चली। इसी बीच उनके पास कुछ लोगों के फोन आने लगे, जिन्होंने एमबीबीएस में निश्चित तौर पर दाखिला कराने की बात कही। जयशंकर ने उनमें से एक की बातों पर विश्वास कर लिया। फोन करने वाले ने अपना नाम विनोद कुमार गुप्ता बताया और बेंगलुरु के कालेज में एमबीबीएस में दाखिला करवाने की बात कही। विनोद ने बताया कि उनकी कंपनी है, जिसके दो ऑफिस हैं। एक हैदराबाद में और दूसरा पुणे में। इधर जयशंकर ने उनके बताए पते पर जानकारी ली तो ऑफिस के पते सही मिले। इससे उन्हें विश्वास हो गया। इसके बाद वे पुणे पहुंच गए वहां पर विनोद के अलावा कुछ अन्य लोग भी मिले। इसके बाद उन्होंने दाखिले की प्रक्रिया समझाने की बात कही। तब उन्होंने दाखिला कराने के लिए सर्विस चार्ज की राशि तीन लाख रुपये मांगे। साथ ही एक साल की कॉलेज की फीस 6 लाख 83 हजार मांगे। बातचीत होने पर उन्होंने सर्विस चार्ज की राशि को तीन लाख से घटाकर ढाई लाख कर दिया। इस पर उन्होंने कहा कि फीस को वे खुद ही कॉलेज में जमा कराएंगे। तब उन्होंने इधर उधर की बातें करके जता दिया की कॉलेज की फीस उनकी तरफ से ही जमा करवाई जाएगी। इस पर जयशंकर ने उनकी बातों पर विश्वास करके दो चेक दे दिए। बाद में उन्होंने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी करवाए। इसके बाद वे वहां से चले आए और बातचीत होती रही। कुछ दिन बाद उन्होंने 6 लाख 83 हजार वाले चेक की पेमेंट न होने की बात कही। इस पर उन्होंने आरटीजीएस के जरिये राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी। 30 अगस्त को उनके पास आलोक रंजन ठाकुर नाम के शख्स का फोन आया कि उनकी बेटी का दाखिला बेंगलुरु के राजेश्वरी मेडिकल कॉलेज में हो गया है और 30 अगस्त को बेंगलुरु पहुंचना है। इसके बाद बेंगलुरु जाने के लिए तैयार हो गए, मगर 29 अगस्त की शाम को जब उन्होंने फोन किया तो सभी के फोन बंद मिले। कई बार कोशिश करने के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्हें आभास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। जयशंकर ने आशंका जताई है कि इस तरह की ठगी और भी लोगों के साथ हुई होगी। ---शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।

--करण ¨सह, अतिरिक्त एसएचओ, सेक्टर-6 थाना


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