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बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले 500 वाहनों के काटे चालान, सामान्य नंबर प्लेट वाली गाड़ियों की पा¨सग न होने से वाहन चालकों में रोष

बगैर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के चल रहे वाणिज्यिक वाहनों पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अब शिकंजा कस दिया गया है। जहां प्राधिकरण की ओर से पिछले कुछ माह में करीब 500 वाहनों के चालान किए गए हैं वहीं अब बिना एचएसआरपी के वाणिज्यिक वाहनों की पा¨सग भी नहीं की जा रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 06:41 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 06:41 AM (IST)
बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले  500 वाहनों के काटे चालान, सामान्य नंबर प्लेट वाली गाड़ियों की पा¨सग न होने से वाहन चालकों में रोष
बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले 500 वाहनों के काटे चालान, सामान्य नंबर प्लेट वाली गाड़ियों की पा¨सग न होने से वाहन चालकों में रोष

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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बगैर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के चल रहे वाणिज्यिक वाहनों पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अब शिकंजा कस दिया गया है। जहां प्राधिकरण की ओर से पिछले छह माह में करीब 500 वाहनों के चालान किए गए हैं वहीं अब बिना एचएसआरपी के वाणिज्यिक वाहनों की पा¨सग भी नहीं की जा रही। प्राधिकरण की ओर से ऐसे वाहन मालिकों को चेतावनी जारी की गई है कि वे अपने वाहन पर एचएसआरपी लगवा लें, अन्यथा उन्हें पास तो किया ही नहीं जाएगा और चालान किया जाएगा सो अलग। पहली बार जिन वाहनों पर चालान किया गया है उन पर 500 रुपये जुर्माना किया गया है। दो बार पकड़े जाने पर चालान किया जाएगा और तीसरी बार पकड़े जाने पर वाहन को जब्त ही कर लिया जाएगा। उधर, सामान्य नंबर प्लेट वाले वाणिज्यिक वाहनों की पा¨सग बंद होने से वाहन चालकों में रोष है। उन्होंने पुराने नंबर प्लेट वाले वाहनों को पास करने की मांग की है। अप्रैल 2012 में शुरू किया था वाहनों पर एचएसआरपी लगाना

दरअसल, अप्रैल 2012 में सरकार की ओर से वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया था। ऐसे में नए वाहनों पर तो यहीं प्लेट लगाई जाती है मगर पुराने वाहनों पर सामान्य नंबर प्लेट ही चल रही हैं। ऐसे में सरकार ने पुराने वाहनों पर भी एचएसआरपी लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस नंबर प्लेट की कई खासियत होती है। एक तो यह नंबर प्लेट रात के समय चमकती है, इसीलिए दूर से ही नंबर आसानी से पढ़ा जा सकता है। इस प्लेट की डुप्लीकेट प्लेट तभी जारी हो सकती है जब पहली रद हो गई हो। सीसीटीवी भी इस प्लेट में लगे कोड से आसानी से नंबरों को कैच कर लेता है। ये हैं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की कुछ अन्य खासियत:

- आधुनिक तकनीक से तैयार नंबर प्लेट पर अंकित नंबरों को मिटाना मुश्किल

- लेजर कोड और होलोग्राम होने से इसकी डुप्लीकेट बनाना भी मुश्किल।

- इसको आसानी से खोला नहीं जा सकता। नट-बोल्ट खास मशीन से लगाए जाते हैं।

- इस प्लेट के ऊपर लगा होलोग्राम, यूनिक आइडी नंबर है। यह है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की फीस:

वाहन फीस रुपये में

पर्सनल कार 372

बाइक 124

वाणिज्यिक वाहन 372 ------

करीब 1600 नंबर प्लेट बनी पड़ी हैं। मगर वाहन मालिक इन्हें अपने वाहनों पर लगवाने के लिए नहीं आ रहे हैं। रही बात पुराने वाहनों की तो इसका उनके पास कोई ऐसा आंकड़ा नहीं है कि यहां पर कितने वाहनों ने यह नंबर प्लेट लगवाई है या नहीं। दीपक, सुपरवाइजर एचएसआरपी सेंटर, बहादुरगढ़।

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बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले पुराने वाहनों को पास नहीं किया जा रहा है। ऐसे वाहनों के प्राधिकरण की ओर से 500 चालान किए जा चुके हैं। भविष्य में भी इन वाहनों पर कार्रवाई करते हुए उनके चालान किए जाएंगे।

-सुशील सारवान, सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण।


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