अब आफत बनने लगी बारिश
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : मौसम बीतने के बाद भी हो रही तेज बारिश अब आफत खड़ी करने
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
मौसम बीतने के बाद भी हो रही तेज बारिश अब आफत खड़ी करने लगी है। आबादी क्षेत्र हो या खेती, नुकसान की संभावना प्रबल बन रही है। बाजरा उत्पादक किसान चिंता में डूबे हुए है। अभी आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे है। दूसरे दिन 31 एमएम बरसात हुई। इस तरह से 48 घटों में बारिश की मात्रा 74 मिलीमीटर तक जा पहुची है। रिमझिम बारिश का दौर जारी है। कृषि विशेषज्ञ भी मान रहे है अब और बारिश की दरकार नही।
अब भादो भी बीत चुका है। आश्विन आ गया है। आषाढ़ से भादो के बीच ही बारिश का मौसम होता है, मगर इस बार बरसात के बादल रह-रहकर लौट रहे है। बहादुरगढ़ क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी बरसात का दौर चला। इससे पहले रविवार की रात में 31 एमएम बरसात हुई। जबकि शनिवार की रात 43 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।
पहले दिन की बरसात से तो खेती नुकसान से बच गई थी, लेकिन उसके बाद लगातार जारी बरसात का असर पड़ने लगा है। गन्ना और धान की फसलों को छोड़कर बाजरा और दूसरी कई फसलें इससे प्रभावित हो रही है। ये कम पानी की लागत वाली फसलें है। ज्यादा पानी की मात्रा इनमें नुकसान पहुचाती है। अब तीन दिनों से हो रही बारिश ने खेतों में पानी भर दिया है। यदि और बारिश हुई तो इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अब और बारिश की जरूरत नही है। अब तो ज्वार, बाजरा व अन्य कई फसलों की कटाई के साथ ही खेतों की जुताई और फिर रबी सीजन की फसलों की बिजाई का वक्त आ गया है। अक्टूबर में तो सरसों की बिजाई होनी है। अब बारिश ने खाली खेतों की जुताई के कार्य को भी रोक दिया है। आबादी क्षेत्र में जलभराव से परेशानी
क्षेत्र में लगातार बारिश से आबादी क्षेत्र में भी परेशानी खड़ी हो गई है। कई कालोनियों और सार्वजनिक स्थलों पर पानी भरा हुआ है। सेक्टर-6, 7 और 2 की सड़कों पर एक बार फिर पानी भर गया है। इससे लोग परेशान है। उधर, लगातार बारिश से तापमान भी 30 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। सोमवार को अधिकतम 28 और न्यूनतम 23 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वर्जन..
कुछ फसलें ज्यादा बारिश से प्रभावित हो रही हैं। अभी नुकसान की रिपोर्ट कहीं से नहीं आई है। सर्वे किया जा रहा है। यदि कहीं नुकसान भी होता है, तो उसका दो-तीन दिन बाद पता लगेगा।
--डा. सुनील कौशिक, एसडीओ, कृषि विभाग।