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मम्मी..मेनू भी जाणा नू किसान आंदोलन दे विच, पापा से मिलकर आणा नू

- स्कूल से दो दिन की छुट्टी लेकर फरीदकोट के गांव मादीके से अपने पापा से मिलने आया 10 वर्षीय वंशदीप

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:55 AM (IST)
मम्मी..मेनू भी जाणा नू किसान आंदोलन दे विच, पापा से मिलकर आणा नू
मम्मी..मेनू भी जाणा नू किसान आंदोलन दे विच, पापा से मिलकर आणा नू

- स्कूल से दो दिन की छुट्टी लेकर फरीदकोट के गांव मादीके से अपने पापा से मिलने आया 10 वर्षीय वंशदीप

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- रो-रोकर जिद करके अपनी मां के साथ आया वंशदीप बोला- मुझे भी देखना है कैसा होता है किसानों का आंदोलन फोटो-27: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

तीन कृषि कानूनों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल किसानों का हाल-चाल जानने व लंगर में सेवा देने के लिए अब उनके परिवार के सदस्य भी शामिल होने लगे हैं। किसानों की पत्नियां भी आंदोलन में शामिल हो रही हैं तो उनके छोटे-छोटे बच्चे भी जिद करके उनके साथ यहां पहुंच रहे हैं। फरीदकोट के गांव मादीके निवासी मेजर सिंह कई दिनों से बहादुरगढ़ बाईपास पर आंदोलन में आए हुए हैं। उनकी पत्नी मंजीत कौर भी एक दिन पहले उनके जत्थे में शामिल हुई है। मंजीत कौर के साथ उनका छोटा बेटा वंशदीप भी आया है। मंजीत कौर ने बताया कि जब मैं यहां आ रही थी तो वंशदीप भी किसान आंदोलन में आने के लिए जिद करने लगा। रो-रोकर घर में स्यापा कर दिया। ऐसे में उसे साथ लेकर आई। 10 वर्षीय वंशदीप चौथी कक्षा में पढ़ता है। पंजाब में स्कूल खुले हुए हैं तो वह दो दिन की छुट्टी लेकर यहां आया है। मंजीत कौर के समने वंशदीप बोला कि मम्मी..मेनू भी जाणा नू किसान आंदोलन दे विच। पापा से मिलकर आणा नू। मंजीत कौर ने मना किया तो वंशदीप रोने लगा। बोला, मुझे भी देखना है कि ये किसान आंदोलन कैसा होता है। यहां अपने पापा से मिलकर वंशदीप बोला कि पापा जी.जब तक साढ़ा हक नहीं मिल जाता आप यहीं पर जमे रहना। हक लेकर ही घर लौटना। मंजीत कौर ने भी अपने पति मेजर से मिलकर पहले तो हाल-चाल जाना और फिर उन्हें हौंसला दिया कि कानून रद होने तक घर वापसी ना करना। घर के काम हम खुद कर लेंगे। मेजर सिंह ने बताया कि गांव में उनकी 17 एकड़ जमीन है। हम खेतीबाड़ी ही करते हैं। इन कानूनों से उनकी खेती बर्बाद हो जाएगी। उसे बचाने के लिए ही घर-परिवार छोड़कर यहां आंदोलन करने आए हैं।


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