Move to Jagran APP

कबूतरबाजी एक और केस में फंसे लबाना

कबूतरबाजी के मामलों से भाजपा के जिला परिषद सदस्य मक्खन सिंह लबाना बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। लबाना अब एक और केस में फंस गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 05:49 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:14 AM (IST)
कबूतरबाजी एक और केस में फंसे लबाना
कबूतरबाजी एक और केस में फंसे लबाना

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कबूतरबाजी के मामलों से भाजपा के जिला परिषद सदस्य मक्खन सिंह लबाना बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। लबाना अब एक और केस में फंस गए हैं। अब उन्हें और जालंधर के गांव तलवंडी निवासी बलराज सिंह को थाना बलदेव नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। जबकि शहर थाना पुलिस ने कबूतरबाजी के मामले में ही लबाना को कोर्ट के आदेश में जांच में शामिल कर जमानत पर रिहा कर दिया है।

loksabha election banner

थाना बलदेव नगर पुलिस को दी शिकायत में छावनी के तोपखाना निवासी गुरकृपाल सिंह ने बताया कि आरोपित चेतन सभरवाल ने चंडीगढ़ में एक कैंप लगाया था, जिसमें उसके बेटे युवराज सिंह का सलेक्शन हो गया था। आरोपित ने सिलेक्ट होने वाले बच्चों को यूएसए में डिजनीलैंड व नासा आदि जगहों पर घुमाना था। इसके लिए दो लाख 30 हजार रुपये का पैकेज बताया। चेतन ने फाइल चार्ज पर 30 हजार रुपये लिए थे। सबकुछ उपलब्ध करवाने के बाद जब चेतन को कॉल की गई तो कहा कि अभी इंतजार करें। बाद में चेतन ने बताया कि उसके कार के शीशे तोड़कर कोई उसके बेटे का पासपोर्ट चोरी कर ले गया। गुरकृपाल ने बताया कि अब जब पत्नी सर्वजीत कौर व बेटा युवराज बर्लिन, जर्मनी का वीजा लगवाकर जाने लगे तो दिल्ली एयरपोर्ट पर पता चला कि बेटे युवराज के पासपोर्ट पर पहले ही कोई वहां गया हुआ है। बाद में पता चला कि आरोपित ने पासपोर्ट को बदलकर किसी दूसरे व्यक्ति को यूएसए भेजा है।

-------

इस मामले में जांच शामिल कर दी जमानत

थाना शहर में दर्ज कबूतरबाजी मामले में मक्खन सिंह लबाना को कोर्ट के आदेश पर जांच में शामिल कर जमानत पर रिहा कर दिया गया। थाना शहर पुलिस को कुरुक्षेत्र के गांव बारवा निवासी कुलविद्र सिंह ने बताया कि आरोपितों ने ऑन अराइवल का वीजा लेकर युवक को दिल्ली एयरपोर्ट से 25 अप्रैल 2018 को इक्वाडोर के शहर क्वेटो भेज दिया। वहां से पनामा के जंगलों में छोड़ दिया गया। यहां से निकलने के बाद वह किसी तरह से मैक्सिको पार कर अमेरिका के बार्डर पर पहुंचा। जब वह बॉर्डर की दीवार फांदकर अमेरिका में दाखिल होने लगा तभी वहां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 13 माह तक अमेरिका की जेल में रहने के बाद उसे व्हाइट पासपोर्ट मिला और भारत पहुंच सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.