40 किलो मक्खन की प्रतिमा की धूमधाम से पूजा की
माता बाला सुंदरी मंदिर में मकर संक्रांति पर बनाई गई 40 किलो मक्खन की प्रतिमा को शुक्रवार के दिन विधि विधान से पूजा अर्चन कर हवन यज्ञ किया गया।
संवाद सहयोगी, मुलाना : माता बाला सुंदरी मंदिर में मकर संक्रांति पर बनाई गई 40 किलो मक्खन की प्रतिमा को शुक्रवार के दिन विधि विधान से पूजा अर्चन कर हवन यज्ञ किया गया। जिसके बाद चर्म रोग दूर करने की औषधि के रूप में लोगों को मक्खन बांटा गया। हवन यज्ञ में लोगों ने आहुतियां डाली। काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रही। वहीं मक्खन रूपी दवाई लेने के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं का सुबह से ही तांता लगने लग रहा। लोगों में मान्यता हैं कि मक्खन रूपी दवाई को चर्म रोग यानि चमड़ी के रोगी को लगाने से उसका चर्म रोग दूर हो जाता हैं। जिसमें दवाई की आवश्यकता ही नही पड़ती।
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इसलिए बांटी जाती है मक्खन रूपी औषधि मंदिर पुजारी पंडित चिरंजीवी ने बताया कि जब माता बाला सुंदरी जी भैरों जी के प्रहार से घायल हो गई थी। तब माता ने मकर संक्रांति के दिन गर्भ जुन में मक्खन से सात दिन तक लेप किया था। जिससे माता के जम ठीक हो गए थे इसलिए हर साल मकर संक्त्रांति के दिन मुलाना मंदिर में माता की मक्खन से बनी मूर्ति को महामाई बाला सुंदरी माता की पिडी के समक्ष रखा जाता हैं। इसे माता का आशीवार्द ही मानिए कि मक्खन से बनी प्रतिमा को लोगों में औषधि के रूप में बांटा जाता हैं। जिससे लोगों के चर्म के रोग दूर हो जाते हैं। इस मान्यता पर स्थानीय लोगों को पुर्ण विश्वास हैं । जिसके चलते हर साल लोग इस मक्खन रूपी औषधि व मां के आर्शीवाद को लेने लोग पंहुचते हैं।
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5 किलो मेवा व 35 किलो मक्खन से बनाई गई माता की प्रतिमा
माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में मकर संक्त्रांति पर बनाई गई मक्खन की प्रतिमा में 5 किलो मेवा व 35 किलो मक्खन का प्रयोग किया था । मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि हर साल मंदिर प्रांगण में 21 किलो मक्खन से प्रतिमा बनाई जाती थी, लेकिन लोगों को पंहुच रहे फायदे व श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते इस बार मंदिर में 40 किलो मक्खन से बनी प्रतिमा को स्थापित किया गया था ।