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77 साल बाद भी याद हैं आजाद ¨हद में शामिल होने का नेताजी का भाषण: केहर ¨सह

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : हम ¨सगापुर में तैनात थे वहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानियों ने हमें घेर लिया। जापानियों ने घेरे हुए लोगों को भारत भेज दिया गया। इसके बाद उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस का भाषण सुना और तय कर लिया कि देश के लिए वे आजाद ¨हद फौज में शामिल होंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 01:19 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 01:19 AM (IST)
77 साल बाद भी याद हैं आजाद ¨हद में शामिल होने का नेताजी का भाषण:  केहर ¨सह
77 साल बाद भी याद हैं आजाद ¨हद में शामिल होने का नेताजी का भाषण: केहर ¨सह

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : हम ¨सगापुर में तैनात थे वहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानियों ने हमें घेर लिया। जापानियों ने घेरे हुए लोगों को भारत भेज दिया गया। इसके बाद उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस का भाषण सुना और तय कर लिया कि देश के लिए वे आजाद ¨हद फौज में शामिल होंगे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद ¨हद फौज का हिस्सा बने अंबाला के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी केहर ¨सह ने कुछ इसी अंदाज में अपनी बात दैनिक जागरण संवाददाता उमेश भार्गव से कही। साप्ताहिक साक्षात्कार के तहत जब उनसे बातचीत की तो उन्होंने कुछ इस तरह से अपनी यादें साझा की। करीब 97 साल के होने के कारण उन्हें अब ऊंचा सुनाई देता है। हालांकि अभी वह अच्छे से चल सकते हैं। लेकिन जहन में इस समय उस समय की कुछ यादें ही ताजा हैं।

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परिचय

केहर ¨सह का जन्म अंबाला जिले में नारायणगढ़ के गांव लखनौरा में वर्ष 1922 में हुआ था। पिता रूलिया राम खेती करते थे। परिवार से कोई भी न तो इनसे पहले सेना में था न इनके बाद अभी तक कोई सेना में हैं। इनके पांच बेटे पांच बेटे हरनेक ¨सह बैंक से रिटायर्ड हैं। दीप ¨सह अकाउंटेट सेवानिवृत्त, करनैल ¨सह मास्टर रिटायर्ड, अमरजीत ¨सह और गुरमीत ¨सह खेती करते हैं। 1941 में सेना में भर्ती हुए थे। इसके बाद जापानियों ने इन्हें बंधक भी बनाया और 5 साल बाद यह घर वापस लौटे थे।

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प्रश्न:- आपके योगदान के लिए क्या कभी सरकार ने आपको याद किया?

उत्तर: हां मुझे कई बार सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2014 में फिर 2017 में दिल्ली में हरियाणा भवन में राष्ट्रपति ने मुझे सम्मानित किया था। जोकि मेरे लिए गर्व की बात है।

प्रश्न: आज के हालतों पर आप क्या कहना चाहेंगे?

आज भी हम आजाद होकर भी आजाद नहीं हैं। वर्तमान की स्थितियों को देखते हुए देश में आजादी की एक ओर लड़ाई की जरूरत है। देश में छिपे उन लोगों को बाहर करना होगा, जो देश और समाज के खिलाफ साजिश रचते हैं।

प्रश्न: नेताजी सुभाष चंद्र बोस कोई याद जो आपके जहन में हो?

उत्तर: मैं सेना में भर्ती हुआ ही था इसके बाद विश्व युद्ध की तैयारियां चल रही थी। ¨सगापुर में जापानियों ने हमें घेर लिया था। कई दिन बंधक रहे। भूखे-प्यासे भी रहे। इसके बाद जैसे-तैसे हम वापस भारत आए तब नेताजी ने हम सभी में जोश भरते हुए कहा था तुम खून दो मैं आजादी दिलाउंगा। उनका उसी नारे ने हम सभी में जोश भर दिया था


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