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मनसूरपुर माइनर में 26 साल बाद पहुंचा पानी

26 साल बाद मनसूरपुर माइनर में पहली बार अंतिम टेल तक पानी पहुंच गया। इससे क्षेत्र के किसानों में खुशी है। क्योंकि 26 साल से इस माइनर में पानी नहीं आया था और किसानों को माइनर के होने का कोई लाभ नहीं मिल पाया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:20 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 08:20 AM (IST)
मनसूरपुर माइनर में 26 साल बाद पहुंचा पानी
मनसूरपुर माइनर में 26 साल बाद पहुंचा पानी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : 26 साल बाद मनसूरपुर माइनर में पहली बार अंतिम टेल तक पानी पहुंच गया। इससे क्षेत्र के किसानों में खुशी है। क्योंकि 26 साल से इस माइनर में पानी नहीं आया था और किसानों को माइनर के होने का कोई लाभ नहीं मिल पाया था। जबकि पहले इस माइनर को सुचारू करने के लिये लाखों रुपये की राशि खर्च की जा चुकी थी। पानी पहुंचने की खुशी में किसानों ने माइनर पर ही लड्डू बांटे।

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बता दें कि 31 मार्च 1994 को चौ.भजन लाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए जनसुई से मनसूरपुर उठान योजना का शिलान्यास किया था। जिसे लगभग 26 साल हो चुके हैं। पानी न आने से कई गांवों के ग्रामीणों में रोष था। लेकिन इस साल सिचाई विभाग का दावा था कि इस बार वह मनरेगा के तहत सफाई करवा रहे हैं। जिससे टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा और नौ गांवों के किसानों की खेती अच्छी होगी।

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- नौ गांवों के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए की थी शुरुआत

जनसुई से मनसूरपुर माइनर नौ गांवों के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी। जिसमें जलालपुर, बडौला, कलेरां, छोड़पुर, कोंकपुर, नूरपुर, धन्यौडा, दुराना और मोहड़ा के किसानों को फायदा होना था। इनमें सिचाई का पानी भी जा सकता था और बाढ़ से बचाव के लिए भी इस माइनर में पानी छोड़ा जा सकता था। ताकि यहां किसान अपनी अच्छी फसल कर पैदावार बढ़ा सके।

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- सिचाई विभाग ने मनरेगा के तहत करवाया काम

माइनर बुरी तरह से टूट चुका था, दरारें आ चुकी थी। इस कारण लीकेज होती थी। लिफ्ट भी टूटी हुई थी। सिचाई विभाग ने इस साल माइनर की सफाई करवाई, जिसमें महकमे ने मनरेगा स्कीम के तहत कमा करवाया। इस कारण कोई टेंडर या ठेकेदार को काम नहीं सौंपा गया था।

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वर्जन

-महकमे ने पूरा प्रयास किया है। पहले उनका गेहूं के सीजन में टेल तक पानी पहुंचाने का प्रयास रहा था। लेकिन पूरी तरह बात नहीं बन पायी थी। अब विभाग ने मनरेगा के तहत काम करवाया है। उनका लक्ष्य था कि इस बार माइनर की अंतिम टेल तक पानी पहुंचाएंगे।

-परमिद्र सिंह, एसडीओ, सिचाई विभाग


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