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तिरपाल से ढके आर्य चौक को उद्घाटन के लिए राज्यपाल का इंतजार

तिरपाल से ढके शहर के आर्य चौक को उद्घाटन के लिए राज्यपाल का इंतजार है। चौक का नवनिर्माण करते हुए नाम अनुरूप यहां चारों वेद की कृतियां शिला से तैयार की गई हैं। चौक का लगभग निर्माण पूरा किए जाने के बावजूद यह काफी वक्त से ढका है। आर्य समाजी इस चौक का उद्घाटन सत्यदेव नारायण आर्य से कराना चाहते हैं। जिसके लिए राज्यपाल से समय भी लिया गया लेकिन आचार संहिता अडं़गा बन गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 07:27 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 07:27 AM (IST)
तिरपाल से ढके आर्य चौक को उद्घाटन के लिए राज्यपाल का इंतजार
तिरपाल से ढके आर्य चौक को उद्घाटन के लिए राज्यपाल का इंतजार

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: तिरपाल से ढके शहर के आर्य चौक को उद्घाटन के लिए राज्यपाल का इंतजार है। चौक का नवनिर्माण करते हुए नाम अनुरूप यहां चारों वेद की कृतियां शिला से तैयार की गई हैं। चौक का लगभग निर्माण पूरा किए जाने के बावजूद यह काफी वक्त से ढका है। आर्य समाजी इस चौक का उद्घाटन सत्यदेव नारायण आर्य से कराना चाहते हैं। जिसके लिए राज्यपाल से समय भी लिया गया लेकिन आचार संहिता अडं़गा बन गई। चुनाव आचार संहिता के चलते राज्यपाल यहां उद्घाटन को नहीं आ पाए। अब आचार संहिता हटने के बाद एक बार फिर उनसे संपर्क साधा जा रहा है। भाजपा जिला सचिव रितेश गोयल के मुताबिक राज्यपाल से समय मांगा गया है।

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पिछले सालों में शहर के विभिन्न हिस्सों में कई नए चौक बनाए गए हैं। पालीटेक्निक चौक को अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ओ चौक बनाया जा चुका है। जिसका उद्घाटन गदर फेम अभिनेत्री अमिषा पटेल ने किया था। कचहरी चौक का भी सौंदर्यीकरण कर यहां मेक इन इंडिया के प्रतीक शेर का लोगो लगाया गया है। अब मिक्सी चौक का भी पुन : निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार जगाधरी गेट का सौंदर्यीकरण किया गया और नाहन हाउस पर महर्षि वाल्मीकि चौक बनाया गया है। शहर के आंतरिक हिस्सों में भी कई चौकों पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। चारों वेदों का संदेश देगा आर्य चौक

आर्य चौक की गिनती अंबाला के पुराने चौकों में होती है। हालांकि, इसकी पहचान पास में आर्य स्कूल एवं बीएड कॉलेज से ही थी। यह शहर के लोग तो भले भांति जानते हैं लेकिन जो लोग बाहर से आवाजाही करते हैं उन्हें चौक के बारे में कुछ समझ नहीं आता था। जब शहर में कई नए चौक चौराहे बने तो आर्य समाजी संस्थाएं भी इस चौक के सौंदर्यीकरण के लिए आगे आई। अब यहां ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की शिला रूप में कृतियां बनाई गई हैं जो भारत की प्राचीन धरोहर एवं वेदों का संदेश देती नजर आएगी।

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