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सफर से ज्यादा इंतजार में हो रहा समय बर्बाद, निजी वाहन चालक कर रहे जेब ढीली

प्रदेश सरकार व रोडवेज कर्मचारियों के बीच नौ दिनों से चल रस्साकशी के बीच पहली बार बुधवार को रोडवेज प्रशासन ने जिले में 170 में से 110 बसें चलाई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 01:42 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 01:42 AM (IST)
सफर से ज्यादा इंतजार में हो रहा समय बर्बाद, निजी वाहन चालक कर रहे जेब ढीली
सफर से ज्यादा इंतजार में हो रहा समय बर्बाद, निजी वाहन चालक कर रहे जेब ढीली

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्रदेश सरकार व रोडवेज कर्मचारियों के बीच नौ दिनों से चल रही रस्साकशी के बीच पहली बार बुधवार को रोडवेज प्रशासन ने जिले में 170 में से 110 बसें चलाई। अंबाला डिपो में चलने योग्य 135 में से करीब 100 बसें व नारायणगढ़ की 35 में से 10 बसें चली। इसके बावजूद जनता हलकान है और हड़ताल के चक्रव्यूह से उभर नहीं पा रही है। आंतरिक हरियाणा की जीवन रेखा कहे जाने वाले अंबाला-हिसार एनएच-65 पर अभी भी हिसार-चंडीगढ़ की सीधी बस सेवा जरूरत मुताबिक नहीं है। हाल यह है कि लोग टुकड़ों में 30 से 40 किलोमीटर का सफर कर रहे हैं। सफर से ज्यादा बसों के इंतजार में वक्त बर्बाद हो रहा है। पहले जिस सफर में 2 घंटे लगते थे अब 4 घंटे लग रहे हैं। वहीं, बाकी कसर प्राइवेट मैक्सी कैब व अन्य वाहन निकाल रहे हैं, जो सामान्य से डेढ़ गुना तक किराया वसूल लोगों की जेब काट रहे हैं।

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सीनियर सिटीजन को राहत न विद्यार्थियों को

जिले में परिहवन के बेड़े के अतिरिक्त 59 बसें सहकारी समितियों की हैं। मैक्सी कैब अंबाला से कैथल, अंबाला शहर से नारायणगढ़, अंबाला से करनाल तक की सवारियां उठा रही हैं। सामान्य से डेढ़ गुना तक किराया लिया जा रहा है। रात को किराया दोगुने से भी ज्यादा पहुंच जाता है। सहकारी समितियों की बसें जहां स्कूली विद्यार्थियों को सरकारी बस के पास पर ले जाने से परहेज कर रही है तो सीनियर सिटीजन को मिलने वाली आधे किराये की छूट पर भी मनमानी है। हालांकि, बुधवार को शिक्षण संस्थानों की छुट्टी होने से कुछ राहत जरूर रही।

वार्ता विफल होने से बढ़ेगी जनता की मुश्किल

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी व परिवहन मंत्री के बीच वार्ता विफल हो जाने से जनता का हड़ताल की चक्की में पिसना तय है। बुधवार शाम को आई इस खबर के बाद गतिरोध और बढ़ेगा। अभी तक उम्मीद लगाई जा रही थी कि मामला सुलझ जाएगा। वहीं, रोडवेज ने अपने समर्थन में बृहस्पतिवार को कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के आने का भी दावा किया है।

कर्मचारियों को समर्थन का दौर जारी

वहीं, इस गतिरोध के बीच बेशक अच्छी खासी बसें चला दी गई हैं लेकिन रोडवेज कर्मचारियों के तेवर ढीले नहीं हुए हैं। विपक्षी दलों व बिजली कर्मियों के समर्थन का दौर जारी है। बुधवार को इनेलो जिला प्रधान शीशपाल जंधेडी व इनेलो के पूर्व विधायक राजबीर बराड़ा ने कर्मचारियों को समर्थन दिया। वहीं, कर्मचारी महासंघ से जुड़े बिजली कर्मचारी बिजली सब डिवीजनों व धरने में शामिल होकर अपना समर्थन व्यक्त किया।

परेशानी के लिए सरकार के साथ रोडवेज कर्मचारी भी जिम्मेदार

अग्रसेन चौक पर अपनी बस के इंतजार में खड़े पेहवा निवासी लाभ ¨सह के मुताबिक लोग 9 दिनों से परेशान हैं। सरकार ही नहीं बल्कि रोडवेज कर्मचारी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। रोडवेज कर्मचारियों की महीने दो महीने बाद हड़ताल होती है। ऐसा लगता कि इनकी समस्याएं खत्म ही नहीं होती।

निजी वाहनों की चांदी, ज्यादा वसूल रहे किराया

मैक्सी कैब के माध्यम से शहजादपुर से अंबाला पहुंचे सुरेंद्र ने बताया कि सरकारी बस में 30 रुपये लगा करते थे। अब बसों की किल्लत है तो उसे मैक्सी कैब से आना पड़ा। निजी वाहनों की चांदी है और 40 रुपये चुकाने पड़े हैं। मजबूरी में ज्यादा किराया देना पड़ा।

सीनियर सिटीजन के साथ भी मनमानी

पेहवा से आकर पंचकूला जाने के लिए अग्रसेन चौक पर पत्नी के साथ खड़े सोढ़ी ¨सह ने बताया कि सहकारी समितियों की बसों में मनमानी चल रही है। कोई तो सीनियर सिटीजन से आधा किराया ले रहा है तो कहीं पूरा वसूल रहे हैं। हड़ताल से परेशान हैं।

कर्मचारी को और कितना चाहिए

पेहवा से आए दीपक ने बताया कि उसे पंचकूला जाना है। हड़ताल के चलते परेशान है। वापसी कर पाएंगे इसको लेकर कोई तसल्ली नहीं है। कर्मचारी भी हठ कर रहे हैं। इन्हें समझ नहीं आता है कि रोडवेज कर्मियों को और कितना चाहिए।


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