एडीसी टीम पर हमला करने वालों की वीडियो से तलाश, पंजाब में छापामारी
जागरण संवाददाता अंबाला आइएएस एवं अंबाला की एडीसी-कम-आरटीए प्रीति की टीम पर हमला करन
जागरण संवाददाता, अंबाला : आइएएस एवं अंबाला की एडीसी-कम-आरटीए प्रीति की टीम पर हमला करने वालों की तलाश के लिए पंजोखरा पुलिस ने वीडियो और साइबर सैल की मदद लेनी शुरू कर दी है। खनन माफिया ने आरटीए विभाग की जिस गाड़ी को लाठियों से क्षतिग्रस्त किया था, उसे अपने कब्जे में ले लिया। पंजोखरा पुलिस ने चार ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा, जानलेवा हमला करने, अपहरण जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। खनन से भरी जिन गाड़ियों को वीरवार को जब्त किया गया, उनकी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबरों से उनके पते निकाले जा रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब के हंडेसरा में पुलिस ने आरोपितों की तलाश में छापामारी की है। इस मामले में कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें आरटीए विभाग की गाड़ी को गड्ढे में गिराया जा रहा है। इस वीडियो के आधार पर आरोपितों की तलाश में पंजाब के हंडेसरा, खेलन मालन में दबिश दी है।
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हरियाणा व पंजाब पुलिस में ठनी
इस मामले को लेकर हरियाणा व पंजाब पुलिस के बची में ठन गई थी। आरटीए विभाग की गाड़ी पर हमला पंजाब के हंडेसरा में किया गया था। मौके पर पहुंची पंजाब पुलिस ने गाड़ी को वीरवार रात को ही क्रेन से निकाल कब्जे में ले लिया था। पंजोखरा पुलिस ने पंजाब पुलिस को कहा कि इस गाड़ी को हमारे हवाले कर दिया जाए। उनका तर्क था कि गाड़ी हंडेसरा में क्षतिग्रस्त हुई है। इसको लेकर दोनों विभागों के आला अधिकारियों में भी बातचीत हुई और मामला प्रशासनिक अधिकारियों तक भी पहुंचा। बाद में तय हुआ कि यह घटनाक्रम नारायणगढ़ से अंबाला शहर के बीच आते हुआ। कालाअंब से जो गाड़ियां निकली थीं, उनकी चेकिग हरियाणा सीमा में की गई, लेकिन बाद में जब अधिकारी अपनी टीम सहित पंजाब सीमा से निकल रही थी, तो हमला किया गया। इसी तर्क पर गाड़ी पंजोखरा थाना पुलिस के हवाले कर दी गई।
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पंजाब खनन विभाग भी हुआ सक्रिय
अंबाला में वीरवार रात हुए घटनाक्रम के बाद पंजाब खनन विभाग भी सक्रिय हो गया है। ओवरलोडेड वाहनों की चेकिग अंबाला में हुई, जिस पर ट्रांसपोर्टर भड़क गए। इसी मामले में अब पंजाब खनन विभाग ने भी सड़क पर उतरकर ओवरलोडेड खनन वाहनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
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पहले मूवमेंट लीक हुई अब हमले
एडीसी की पहले वाट्सअप पर लोकेशन शेयर की जाती थी। इसका भंडाफोड़ हुआ, तो पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में कई अन्य अंडरग्राउंड हो गए। यह लोकेशन इसलिए लीक की जाती थी ताकि चालान होने से बचा जा सके। इसी बीच एडीसी की गाड़ी को टक्कर मारकर भी वारदात को अंजाम दिया गया।