लंबी दूरी की ट्रेन में वेंडरों का चल रहा गाेरखधंधा, पेंट्री नहीं होने से रेल यात्री भुगत रहे खमियाजा
लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्री नहीं होने का अवैध वेंडर फायदा उठा रहे हैं। ये वेंडर आइअारसीटीसी के कर्मचारी की वर्दी पहन ट्रेनाें में सामान बेचते हैं।
अंबाला, [दीपक बहल]। लंबी दूरी की एसी सुपरफास्ट ट्रेन में पेंट्री कार का न होना अवैध वेंडरों को मालामाल कर रहा है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की टी शर्ट पहनकर अवैध वेंडर हाथों में पानी की बोतलें और खानपान का समान बेचते देखे गए। अवैध वेंडरिंग रोकने के लिए भले ही रेलवे ने कमर्शियल, आरपीएफ सहित कई विभागों को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन सभी ने इससे मुंह फेर लिया।
नागपुर से अमृतसर के बीच चलने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस में चलता है वेंडरों का खेल
अवैध वेंडरिंग का नजारा नागपुर से अमृतसर के बीच दौड़ने वाली नागपुर-अमृतसर एसी सुपरफास्ट में देखने को मिला। दैनिक जागरण ने इस खेल को कैमरे में कैद किया तो टीशर्ट पहने कर्मियों ने कहा कि वे आइआरसीटीसी के ही कर्मचारी हैं। यह ट्रेन शनिवार को नागपुर से रवाना हुई, जो रविवार को अमृतसर पहुंचने के बाद सोमवार को नागपुर के लिए रवाना हुई।
उधर, आइआरसीटीसी के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस ट्रेन का कोई टेंडर नहीं किया गया। जो भी वेंडरिंग हो रही है, वह अवैध है। आरपीएफ अथवा जीआरपी को भी सुरक्षा के लिए ट्रेन में गश्त करनी चाहिए।
सप्ताह की ट्रेन होने के कारण नहीं हो सका ठेका
यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलती है, जिस कारण इस ट्रेन का ठेका नहीं हो सका है। इस कारण लंबी दूरी की इस ट्रेन में पेंट्री कार नहीं है। इसका सीधा फायदा अवैध वेंडर उठा रहे हैं, जो मनमाने दाम पर सामान बेचते हैं। इससे यात्रियों को तो असुविधा होती ही है, रेलवे को भी कुछ नहीं मिल रहा। ताज्जुब की बात यह है कि अवैध वेंडर इस ट्रेन में पानी के बड़े-बड़े ड्रम भी चढ़ाते हैं। ऐसे में इस खेल से रेल अधिकारियों का वाकिफ न होना गले से नीचे नहीं उतर रहा।
जहरखुरानी की भी हो सकती है घटना
एक ओर रेलवे का प्रचार है कि अनजान व्यक्ति से खाने पीने का कोई सामान न लें। वहीं इस ट्रेन में अवैध वेंडर लगातार सामान बेच रहे हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा भी पूरी तरह से दांव पर है। अवैध वेंडर के रूप में कौन सामान बेच रहा है, इस बारे में रेलवे को भी जानकारी नहीं है। ऐसे में कोई भी शातिर अपने मंसूबों को अंजाम देकर वारदात कर सकता है।
गश्त पर खाकी नहीं, सीट से बांधकर रखते हैं सामान
एसी ट्रेन में सामान चोरी न हो जाए इसके लिए आरपीएफ या जीआरपी के कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन ट्रेन में एक भी कर्मचारी नहीं दिखा। यही कारण है कि ट्रेन में यात्री अपने सामान को सीट से बांधकर रखते हैं।