गैरइरादतन हत्या में दो सगे भाई दोषी करार, तीन नवंबर को सनाई जाएगी सजा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : खुड्डा गांव में पटाखे चलाने से मना करने पर बुजुर्ग की हत्या
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : खुड्डा गांव में पटाखे चलाने से मना करने पर बुजुर्ग की हत्या के मामले में अदालत ने दो सगे भाइयों साहिल और राहुल को दोषी करार दे दिया है। सजा पर 3 नवंबर को सुनाई जाएगी। इसी मामले में अंकित और अंकुर को मारपीट का दोषी पाया गया है, हालांकि अदालत ने इन्हें जमानत दे दी है। अदालत में विचाराधीन केस के दौरान शुभम और उमंग की मौत हो चुकी है। जबकि मामले में अन्य आरोपितों को बरी किया जा चुका है।
महेश नगर क्षेत्र के खुड्डा गांव निवासी शिकायतकर्ता भीम ¨सह ने अक्टूबर 2014 में साहा क्षेत्र के गांव संभालखा निवासी जगदीप ¨सह के खिलाफ शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। उसके पिता चार भाई हैं, जो सभी अपने परिवार सहित अलग-अलग रहते हैं। राजपाल उसका सबसे छोटा चाचा है। उसके पास दो लड़कियां और एक लड़का विकास उर्फ लक्ष्मण है। दीपावली की रात राजपाल और विकास उर्फ लक्ष्मण अपने घर के बाहर गली में खड़े थे तो पड़ोसी नरेंद्र, साहिल अपने मकान की छत पर अपने दोस्तों के साथ पटाखे चला रहे थे। राजपाल ने उन्हें पटाखे चलाने से मना किया और कहा कि तुम बहुत शोर शराबा कर रहे हो। इसे खफा राहुल ने उसके चाचा के सिर में हॉकी और टांग में चाकू से कई वार किए। इसके बाद उसके चाचा को राहुल के घर में ले गए और उसके भाई को थप्पड़ मारने लगे। आरोपित मौके से फरार हो गए। इसके बाद घायल को छावनी अस्पताल ले जाया गया जहां राजपाल ने दम तोड़ दिया था। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया था। पुलिस ने संजय, हितेश मनोचा, मिलाप नगर के कुलदीप शर्मा, नरेंद्र, उमंग उर्फ विशू, हनी गौतम, राजीव कुमार उर्फ अंकित, सुभम उर्फ ध्यानी, अंकुर शर्मा को भी गिरफ्तार किया था।
सुबूतों से छेड़छाड़ पर पुलिस कर्मियों पर गिरी थी गाज
मामले के बाद तत्कालीन एसपी ने दो पुलिस अधिकारियों जिनमें सब इंस्पेक्टर और एक एएसआइ को सस्पेंड कर दिया था। इतना ही नहीं मामले के जांच अधिकारी को भी लाइन हाजिर कर दिया था। मृतक राजपाल के बेटे विकास ने पुलिस को बताया कि जब उसके पिता का मर्डर हुआ था तो उस समय पुलिस को सूचित किया था। पीसीआर मौके पर पहुंची थी जिसमें पुलिस वाले मौके पर आते ही हत्या में प्रयोग किये गये चाकू व अन्य सुबूतों से छेड़छाड़ करने लग गये थे। एक पुलिस वाले ने तो हत्या में प्रयोग किये गये चाकू को जेब में डालकर चल दिया था। लेकिन गांव वालों ने उसे पकड़ लिया था।