बिना पद वाले जिले में कर दिया ट्रांसफर, विज के दरबार में पहुंची पीड़िता मेट
महिला कर्मचारियों को अपने गृह जनपद में पोस्टिग करने के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आदेश ने हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) सर्किल ऑफिस की लापरवाही की पोल खोल दी।
जागरण संवाददाता, अंबाला : महिला कर्मचारियों को अपने गृह जनपद में पोस्टिग करने के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आदेश ने हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) सर्किल ऑफिस की लापरवाही की पोल खोल दी। सर्किल ऑफिस की गलती का शिकार हुई ग्रुप डी में भर्ती हुई मेट पद पर स्नेहलता शुक्रवार को गृह मंत्री अनिल विज के जनता दरबार में पहुंची। इसके बाद बिज ने वहां मौजूद सुपरिटेंडेंट इंजीनियर संजीत कुमार पीड़िता को लेकर सर्किल ऑफिस पहुंचे और आनन-फानन में ट्रांसफर आदेश केंसिल कर आवश्यक कार्रवाई के लिए मेमो नंबर 26185/ ई 1, 7 फरवरी के तहत जारी सूचना पत्र से करनाल और कुरुक्षेत्र पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन को भेज दिया। साथ ही सूचना इंजीनियर इन चीफ हरियाणा पीडब्ल्यूडी बी एंड आर बीआर, चंडीगढ़ को दिया है।
स्नेहलता की पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) में मेट के पद पर नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति के बाद वह करीब एक वर्ष तक करनाल में पोस्ट रही। करनाल पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) विभाग से कुरुक्षेत्र में उसका तबादला अभी कुछ समय पहले कर दिया गया, जबकि कुरुक्षेत्र में मेट के बजाय सड़क मेट का पद है। ऐसे में उसे वेतन के लाले पड़ गए। पीडब्ल्यूडी ऑफिस का चक्कर काटकर थक चुकी स्नेहलता गृह मंत्री के जनता दरबार में पहुंची। अपना ट्रांसफर रद करने का अनुरोध किया। इसके बाद वहां मौजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की।
---------------------
सर्किल ऑफिस ने रद किया ट्रांसफर आर्डर
विज के जनता दरबार में मामला पहुंचने पर पीडब्ल्यूडी हरकत में आ गया। स्नेहलता का ट्रांसफर आर्डर केंसिल कर पुन: पहले वाले पोस्टिग स्थान पर करने का आदेश सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के सर्किल ऑफिस से जारी हो गया।
सिफारिश पर हुआ था ट्रांसफर
पीडब्ल्यूडी सर्किल कार्यालय की सिफारिश पर स्नेहलता की ट्रांसफर की गई थी। विभागीय जानकारी के अनुसार के अब उसे अपने पद पर करनाल में बने रहने के लिए सरकार से हरी झंडी मिलने तक इंतजार करना होगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के सर्किल ऑफिस अंबाला से सरकार को मेट पद के लिए स्वीकृति मांगी गई है। अंजान बने एसई
पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर संजीत कुमार से इस बारे में बात की गई तो वे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए चेक कराकर बताने की बात कही, जबकि गृह मंत्री के जनता दरबार में संजीत कुमार ने अपने संबंधित क्लर्क को पीड़िता के साथ कार्यालय भेजकर त्वरित कार्रवाई की।