घर-घर आज विराजेंगे विघ्नहर्ता गणपति बप्पा
गणेश चतुर्थी पर्व इस साल भी शहर में मुंबइया माहौल में दिखाई दी। ढोल नगाड़ों के संग भक्तों ने दुकानों से गणपति के स्वरूप खरीदे और गणपति बप्पा मोरया.. गजानन म्हारे घर आओ व जय गणेश देवा..जैसे जयकारों से ट्विनसिटी गूंज उठी।
जागरण संवाददाता, अंबाला: गणेश चतुर्थी पर्व पर आज गणपति बप्पा मोरिया की गूंज के साथ गजानन की मूíत स्थापित की जाएगी। रविवार को करीब एक हजार घरों व मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों पर भगवान गणपति को विराजित करने के लिए तैयारियां की गईं हैं। गणेश चतुर्थी पर्व इस साल भी शहर में मुंबइया माहौल में दिखाई दी। ढोल नगाड़ों के संग भक्तों ने दुकानों से गणपति के स्वरूप खरीदे और गणपति बप्पा मोरया.., गजानन म्हारे घर आओ व जय गणेश देवा..जैसे जयकारों से ट्विनसिटी गूंज उठी।
लड्डू व मोदकों को लेकर मिष्ठान्न प्रतिष्ठानों पर एडवांस बुकिग हो चुकी है। दस दिवसीय इस उत्सव के लिए श्रद्धालुओं की मांग पर मोर पर बैठे बप्पा की इस बार मूíतकारों ने 9 फीट मूर्ति तैयार किया है। छावनी में जगाधरी रोड पर महेश नगर से बैठे मूíतकारों का कहना है कि भगवान शिव स्वरूप में तैयार गणेश जी की मूíत की मांग ज्यादा है बाकी श्रद्धालुओं के लिए उन्होंने पगड़ी वाले गणपति, सूर्य चक्कर वाले और मूषक वाले गणपति तैयार किए गए। दयाल बाग सहित सर्राफा बाजार में सजने लगे पंडाल
गणपति बप्पा के लिए छावनी में पंडाल सजने शुरू हो गए है। दयाल बाग, सर्राफा बाजार व सेना क्षेत्र के खड्गा आडिटोरियम आदि जगहों पर गणेश महोत्सव का ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है जहां गणपति बप्पा के बड़े-बड़े स्वरूप स्थापित किए जाते हैं। रोजाना दर्शन के लिए यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है और वह पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं। पिछले साल की अपेक्षा मूíतयों की मांग बढ़ी
जगाधरी रोड पर बैठे मूíतकार कृष्णा ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर डिमांड पहले ज्यादा नहीं होती थी लेकिन बार मूíत की डिमांड को देखते हुए सौ मूíतयों को बढ़ाया गया है। भक्त गणपति बप्पा को अलग-अलग रूपों में देखना चाहते हैं। अधिकतर मूíत तो आर्डर पर ही तैयार की गई है। केवल छोटे स्वरूप ही बचे हैं। जिनकी काफी डिमांड है। इस बार करीब 450 छोटी व बड़ी मूíतयां तैयार की गई हैं। चौकी या पटरे पर रखें गजानन को
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर इस दिन केवल मिट्टी से बने गणेश जी की प्रतिमा ही स्थापित करना चाहिए। शिव मंदिर मतिदास नगर पुजारी संजय भट्ट ने बताया कि पूजन के बाद नीची नजर यानी कि धरती में देखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देकर दर्शन करना चाहिए। श्री गणेश पूजा में चतुर्थी के दिन गणपति को लड्डुओं व मोदक का भोग लगाकर उसी भोग को प्रसाद रूप में सभी को बांटना चाहिए। गणपति को विराजमान करते समय कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बूंद लगाएं। एक मुट्ठी अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। सुबह छह बजे से शाम तक शुभ मुहूर्त रहेगा।