मासूम की जान बचाने के लिए शरीर से अलग करनी पड़ी बाजू
जिस बस का मटहेड़ी शेखां चौक पर हादसा हुआ था। उसमें साढ़े चार साल का मासूम माध्व भी था। इस हादसे ने मासूम को वो जख्म दे दिए जिसे खुद व परिवार कभी भूल नहीं पाएंगे। दरअसल हादसे में माध्व की दाहिनी बाजू पर गहरी चोट लगने के बाद उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया था। प्राथमिक उपचार में यहां उसके सारे टेस्ट किए।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
जिस बस का मटहेड़ी शेखां चौक पर हादसा हुआ था। उसमें साढ़े चार साल का मासूम माध्व भी था। इस हादसे ने मासूम को वो जख्म दे दिए जिसे खुद व परिवार कभी भूल नहीं पाएंगे। दरअसल, हादसे में माध्व की दाहिनी बाजू पर गहरी चोट लगने के बाद उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया था। प्राथमिक उपचार में यहां उसके सारे टेस्ट किए। उसके बाद बाजू की जांच की गई, जिसमें बाजू शरीर से काफी अलग हो चुकी थी। हालांकि डॉक्टर्स ने इसे काफी जोड़ने का प्रयास किया, कितु इंफेक्शन न हो और जान बचाने के लिए बाजू को अलग करना पड़ा। बताया गया है माध्व की अभी पहली सर्जरी हुई है। बताया जा रहा है पीजीआई में ही माध्व की माता रूपाली गोस्वामी का इलाज चल रहा है।
सहेलियों से जुदा हुई कंचन
बता दें धार्मिक स्थानों पर भ्रमण के लिए निकली संगत के साथ दुर्गानगर की ही 50 वर्षीय कंचन शर्मा भी थी। वह रोजाना तुलसी विवाह पर मोहल्ले में निकाली जा रही प्रभातफेरी में हिस्सा लेती थी। परंतु रविवार शाम को हादसे में उसकी मौत हो गई। उसकी मौत से मोहल्ले की महिलाओं को काफी ठेस पहुंची है। वे बताती हैं कंचन हमेशा धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेती थी और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करती रहती थी। मोहल्ले के श्री सनातन धर्म मंदिर में होने वाले कीर्तन में वह समय से पहले वहां पहुंच जाती थी और हादसे वाले दिन भी वह यात्रा में जाने के लिए समय से पहुंच गई थी, लेकिन रविवार को हुए हादसे ने उनकी सहेली को उनसे अलग कर दिया। सोमवार दोपहर को उनका संस्कार कर दिया गया।
भजन कीर्तन करते आ रहे थे सभी भी श्रद्धालु
पुंडरी, सहरसा, अरुणाये धाम तथा कुरुक्षेत्र के धार्मिक स्थानों का भ्रमण करने के बाद बस वापस अंबाला शहर के लिए रवाना हुई थी। बस में सभी श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए आ रहे थे। जैसे ही मटहेड़ी शेखां चौक के पास बस पहुंची तभी बस सड़क पर पड़े पहले ड्रम के बाद दूसरे ड्रम के साथ टकरा गई, जिसके बाद बस अनियंत्रित हो गई। उसके बाद बस पलट गई। जिसमें श्रद्धालु घायल हो गए। उधर, दुर्गानगर के टोनी व आशीष कुमार ने बताया कि इस हादसे में उन्हें भी चोटें आई हैं, लेकिन चोट की परवाह न करते हुए उन्होंने अन्य साथियों को बचाने में जुट गए। वहीं हादसे की आवाज सुनकर आसपास रह रहे लोग भी वहां पहुंच गए। जिसके बाद घायलों को किसी शहर के नागरिक अस्तपाल में पहुंचाया गया।