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टाइलें लगे शौचालय की खस्ता हालत, टूटी दीवार, जगह-जगह फैली गंदगी

शहर के सार्वजनिक शौचालयों की हालत बेहद खराब है। कहीं शौचालयों में साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी पसरी हुई है तो कहीं दीवारें तक टूट चुकी हैं। यह हाल है छावनी के गांधी मार्केट के अंदर इंदिरा गेट के सामने बने सार्वजनिक शौचालय के।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 02:12 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 02:12 AM (IST)
टाइलें लगे शौचालय की खस्ता हालत, टूटी दीवार, जगह-जगह फैली गंदगी
टाइलें लगे शौचालय की खस्ता हालत, टूटी दीवार, जगह-जगह फैली गंदगी

जागरण संवाददाता, अंबाला : शहर के सार्वजनिक शौचालयों की हालत बेहद खराब है। कहीं शौचालयों में साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी पसरी हुई है तो कहीं दीवारें तक टूट चुकी हैं। यह हाल है छावनी के गांधी मार्केट के अंदर इंदिरा गेट के सामने बने सार्वजनिक शौचालय के। एक समय था जब मुख्य रोड के किनारे बने शौचालय का आसपास के दुकानदार ही नहीं राहगीर भी इस्तेमाल किया करते थे। धीरे-धीरे शौचालय के अंदर टाइलें भी लगाई गई थी। ताकि साफ-सफाई के साथ सुंदरता भी बनी रहे। धीरे-धीरे निगम अधिकारियों की अनदेखी के कारण आज हालात यह बन चुके हैं कि शौचालय की दो तरफ से दीवारें तक गिर चुकी है। शौचालय के ठीक साथ में कूड़े का डंपिग प्वाइंट ही बना दिया गया है। जहां दुकानों की ओर से कूड़ा तो फेंका जाता है मगर निगम के कर्मचारियों द्वारा समय पर उठान न होने के कारण बदबू का आलम रहता है। आवारा पशु मुंह मारते हुए दिखाई देते हैं। दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे जनसुविधा कहीं अभाव- कहीं अनदेखी अभियान से समाजसेवी रमन बेदी, अनिल नैनिवाल, विवेक गुलाटी व अन्य भी जुड़े। जिन्होंने शौचालय की बद से बदतर हो रही हालत का जायजा लिया और प्रशासन से शौचालयों का रखरखाव करने की गुहार लगाई।

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निगम को समझनी चाहिए जिम्मेदारी

करण मल्होत्रा ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय बाजारों में अपने वाले लोगों व आसपास के दुकानदारों की सहुलियत को लेकर तैयार किए थे। आज निगम अधिकारियों की अनदेखी के कारण आज यह खंडहर होते जा रहे हैं और जनता को परेशान होना पड़ रहा। जो सरासर गलत है।

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साफ-सफाई न रहने का नतीजा

सन्नी सोनकर ने कहा कि अगर समय-समय पर शौचालय की सफाई हो तो यह हालात न बने। जनता की सहुलियत के लिए कोई व्यवस्था बनी हुई है तो उसमें सुधार होना चाहिए या फिर कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो। केवल निगम अधिकारियों की अनदेखी का नतीजा है कि खंडहर हो चुके शौचालय किसी के काम नहीं आ रहे। इनकी ओर ध्यान देना जरुरी।

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कूड़े के ढेर कर रहे अनदेखी बयां

विक्रम चौहान का कहना है कि एक तो शौचालय की दीवारें टूटी पड़ी है ऊपर से कूड़े का ड¨पग प्वाइंट ही बना दिया गया है। भला ऐसी स्थिति में कोई कैसे शौचालय का इस्तेमाल करें। निगम शौचालय की मरम्मत करवा दें तो कूड़े से छुटकारा मिलेगा साथ ही लोगों भी शौचालय का इस्तेमाल कर सकेंगे।


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