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रेलवे इंजन नीलामी घोटाले में फंसे तीन अफसर अंडरग्राउंड, ली छुट्टी

मंडी गोबिंदगढ़ स्थित गगनदीप स्टील इंडस्ट्री से आरपीएफ ने करीब नौ लाख रुपये की रेल संपत्ति बरामद कर ली है। जांच चल रही है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:13 AM (IST)
रेलवे इंजन नीलामी घोटाले में फंसे तीन अफसर अंडरग्राउंड, ली छुट्टी
रेलवे इंजन नीलामी घोटाले में फंसे तीन अफसर अंडरग्राउंड, ली छुट्टी

दीपक बहल, अंबाला। रेलवे के नौ इंजनों की नीलामी के घोटाले में फंसे डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) समेत तीन रेल अफसर और गगनदीप स्टील इंडस्ट्री के मालिक अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए आरपीएफ की टीम कार्यालय पहुंची थी, लेकिन नहीं मिले। बताया गया कि वे अवकाश पर हैं। उधर, लुधियाना आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस केस में नामजद चार रेल अधिकारियों में किसी को सस्पेंड नहीं किया गया है, जिससे जांच भी प्रभावित हो सकती है।

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मंडी गोबिंदगढ़ स्थित गगनदीप स्टील इंडस्ट्री से आरपीएफ ने करीब नौ लाख रुपये की रेल संपत्ति बरामद कर ली है। जांच चल रही है। गोदाम से बड़ी मात्रा में तांबा और एल्यूमीनियम बरामद किया जा चुका है, जो बिना नीलामी के बाहर निकाल दिया गया।

ऐसे दिया घोटाले को अंजाम :

क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्रांच (एसआइबी) की जांच में सामने आया कि जो एल्यूमीनियम और तांबे को स्क्रैप में नीलाम नहीं किया गया, उसे भी बेच दिया गया। रेलवे के जगाधरी वर्कशॉप ने नौ इंजनों की करीब 64 लाख की नीलामी की थी। इनमें सिर्फ स्क्रैप को बेचा जाना था। 14, 17 और 18 दिसंबर को डीजल लोको शेड से नीलामी में खरीदा गया माल ट्रकों से मंडी गोबिंदगढ़ पहुंचाया गया था। उसमें एल्यूमीनियम, तांबा और व्हील के स्पि्रंग भी थे। आरपीएफ ने 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

इन 10 पर दर्ज है केस :

आरपीएफ ने डीएमई (डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर) अतुल कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर सत्येंद्र कुमार, रेल अधिकारियों एसके राठी, व जेके श्रीवास्तव, गगनदीप स्टील इंडस्ट्री, कलीराम लालमणि, रविंद्र, रवीश और आरपीएफ एएसआइ प्रवीण कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

एसआइबी ने रेलवे से मांगे दस्तावेज :

आरपीएफ के सर¨हद के पोस्ट प्रभारी कमलेश कुमार तिवारी और एसआइबी के प्रभारी सुखदेव राज ने लुधियाना लोको डीजल शेड के अधिकारियों से स्क्रैप की डिलीवरी से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। ये भी दस्तावेज मांगे गए हैं कि स्क्रैप में क्या-क्या सामान था, जो इंडस्ट्री को नहीं सौंपना था। लोको डीजल शेड के अधिकारियों ने आला अफसरों को यह तर्क देकर बचाने का प्रयास कि है यहां से सिर्फ स्क्रैप भेजा गया था, तांबा और एल्यूमीनियम नहीं भेजा गया।


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