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कोई साइंटफिक प्रमाण नहीं है समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का फैलना

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि दूर दराज से आने वाले पार्सल को प्राप्त करने के कुछ देर तक दूर रख दें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 08:15 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 08:15 AM (IST)
कोई साइंटफिक प्रमाण नहीं है समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का फैलना
कोई साइंटफिक प्रमाण नहीं है समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का फैलना

जागरण संवाददाता, अंबाला : समाचार पत्रों के माध्यम से कोरोना वायरस के फैलने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। वैसे सोशल प्लेटफार्म पर न्यूज पेपर और करेंसी से कोरोना वायरस के फैलने वाले वायरल वीडियो पर एकदम यकीन नहीं किया जा सकता है। विश्व के सामने कोरोना वायरस की महामारी से सभी देश जूझ रहें हैं। बायोमैट्रिक सेवा को बंद करने के पीछे एक महत्वपूर्ण तर्क है अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति छूता है तो उसके हाथों से वायरस मशीन पर पहुंचता है और जैसे ही कोई दूसरा उसे स्पर्श करता है वायरस संक्रमित कर देती है। डाक पार्सल को थोड़ी देर बाद छुएं

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कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि दूर दराज से आने वाले पार्सल को प्राप्त करने के कुछ देर तक दूर रख दें ताकि उसके वायरस के संक्रमण की संभावना कम रहे। इसके बाद अगर संभव हो तो पार्सल और डाक को सैनिटाइज करें उसके बाद ही हाथ छुए, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण होने की संभावना न रहे। सलाह : सावधानी ही बचाव है

ऐ- रोजाना पैकेट वाले दूध को पहले थोड़ी देर पानी में छोड़ दें।

- किसी भी बाहरी व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और एक मीटर की दूरी बनाए रखें।

- सार्वजनिक स्थान पर जाने से परहेज करें, कम से कम घर के बाहर कदम निकालें

- समय समय पर हाथ को साबुन से ठीक ढंग से धुलें और डिटॉल व सैनिटाइज करें।

- संभव हो तो घर की धुलाई और पोछा लगाते समय पानी में फिनायल का प्रयोग करें।


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