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सरकार के बजट में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोई सुविधा नहीं, व्यापारी नाराज

प्रदेश में व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी है। इससे व्यापारियों में आक्रोश हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 06:43 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:43 AM (IST)
सरकार के बजट में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोई सुविधा नहीं, व्यापारी नाराज
सरकार के बजट में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कोई सुविधा नहीं, व्यापारी नाराज

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सरकार ने प्रदेश में व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी है। इससे व्यापारियों में आक्रोश हैं। इस वजह से प्रदेश से हर साल उद्योग पलायन कर रहे हैं, तो सैकड़ों उद्योग बंद हो चुके हैं। बजट में युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। उक्त बातें हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कही।

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उन्होंने कहा कि सरकार के वार्षिक बजट में व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं देने से व्यापारी व उद्योगपति नाराज हैं। इस बजट में व्यापारियों और उद्यमियों को काफी उम्मीदें थी। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश में सैकड़ों उद्योग बंद और पलायन कर चुके हैं। इस वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं जबकि सरकार ने उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण देने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किसी प्रकार की रियायतें ही नहीं दे रही है, तो कौन उद्योगपति हरियाणा में उद्योग लगाने की गलती करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। पिछले पांच साल में हरियाणा पर एक लाख 98 हजार करोड़ रुपये का कर्ज तक पहुंच गया है। इस वजह से हर व्यक्ति पर 80 हजार रुपये कर्ज का बोझ लाद दिया है। अगर सरकार की यही नीयत व नीति रही तो प्रदेश की हालत पहले से ज्यादा खराब हो जाएगी।

गर्ग ने कहा कि प्रदेश की अर्थिक व्यवस्था को सुधारने व बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जरूरी है कि प्रदेश में व्यापार व उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देकर हरियाणा में विकास के रास्ते खोले जाए। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को कम ब्याज पर लोन व सस्ती जमीन उपलब्ध करना चाहिए, बिजली के बिलों में 50 प्रतिशत सब्सिड़ी देनी चाहिए। वहीं गांव के लघु उद्योगों को जैसे साबुन, तेल, कूलर, पंखे, बेकरी का समान, नमकीन, हैंडलूम आदि हर जरुरत का सामान बनता था। यहां के 90 फीसदी छोटे उद्योग बंद हो चुके हैं। युवा व महिलाओं को रोजगार देने के लिए लघु उद्योगों को बिना ब्याज लोन व उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी देनी चाहिए। ताकि गांव स्तर पर घर-घर में रोजगार मिल सकें। इस से बेरोजगारी खत्म होगी व देश व प्रदेश की अर्थिक व्यवस्था में पूरी तरह सुधार होगा। इस मौके पर जिला प्रधान नीरू बढ़ेरा, उपप्रधान दवेन्द्र वर्मा, प्रदीप बजाज, सचिव विक्रम बंसल, संगठन मंत्री तरसेम अग्रवाल, युवा ईकाई के प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग, राकेश खरबंदा, सुरेन्द्र सचदेवा, राजकुमार नागपाल, पवन गुप्ता, तिलकराज अरोड़ा, सुरेन्द्र जुतेजा, गुलशन कालड़ा, विनोद जोहर, अनिल गोयल, प्रधान नरेन्द्र जैन, प्रवीन मित्तल, संजय गर्ग आदि मौजूद रहे।


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