देश की आजादी बचाने में जवानों ने दी है अपनी जान
गणतंत्र दिवस पर उन शहीदों को याद किया जाएगा जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया जबकि देश की आजादी को बचाने में भी अपनी जान तक दे दी।
जागरण संवाददाता, अंबाला : गणतंत्र दिवस पर उन शहीदों को याद किया जाएगा, जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया, जबकि देश की आजादी को बचाने में भी अपनी जान तक दे दी। अंबाला में ऐसे वीरों की निशानियां मौजूद हैं, जो अपने संघर्ष के बारे में बयां कर रहे हैं। कहीं चौक का नाम है, तो कहीं पर सड़क का नाम इन सेनानियों के नाम पर है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज भी अंग्रेजों के दिए गए सड़कों के नाम उसी तरह खड़े हैं। इन में आइएनए के सिपाही सबसे ज्यादा अंबाला में हैं। अंबाला छावनी में आईएनए के सिपाहियों के 26 तो शहर में 23 परिवार शामिल हैं। इसके अलावा इसी तरह देश की सीमाओं की रक्षा करते और आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि करीब 70 सैनिक ऐसे हैं, जो देश की आजादी को बचाने में शहीद हुए हैं। अंबाला के गांव तेपला, कोड़वाकलां, कोड़वा खुर्द, मेहताबगढ़, पिलखनी ऐसे गांव हैं, जहां पर लगभग हर परिवार से कोई न कोई सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। छावनी में स्वतंत्रता सेनानी पंडित भगतराम शुक्ला, शहीद मेजर विजय रतन, शहीद मेजर योगेश गुप्ता, शहीद अतुल सोमरा के नाम पर चौक दिए गए हैं।
ये जवान हुए शहीद
-सिपाही रामस्वरूप 29 जून 1956 लालपुर, नारायणगढ़।
-सिपाही करनैल सिंह 1 अप्रैल 1957 कोड़वां कलां, नारायणगढ़
-सिपाही मेला सिंह 1 अप्रैल 1957 गणेशपुर, नारायणगढ़
-सिपाही नैब सिंह 2 जून 1972 मुनरहेड़ी, अंबाला छावनी
-सिपाही शेर सिंह 1 फरवरी 1972 नसरौली, नारायणगढ़
-नायक मनसा सिंह 5 मई 1972 बराड़ा, अंबाला
-सिपाही कृपाल सिंह 19 फरवरी 1982 बब्याल, छावनी
-हवलदार अमर सिंह 4 अक्टूबर 1985 हमीरपुर, बराड़ा
-लांस नायक मंजीत सिंह 13अक्टूबर 1987 बलदेव नगर, अंबाला शहर
-सिपाही शेर सिंह 13 सितंबर 1987 बिचली दमोली, नारायणगढ़
-सिपाही कश्मीर सिंह 22 जुलाई 1988 गणेशपुर, नारायणगढ़
-हवलदार तारा सिंह 6 जून 1989 मतिदास नगर, अंबाला छावनी
-सिपाही जागर सिंह 13 मई 1989 बकनौर, अंबाला शहर
-कर्नल जेएस दुआ 25 जनवरी, 1992 सिविल लाइन, अंबाला शहर
-लेफ्टिनेंट मुकेश आनंद 27 मार्च 1994, कस्तूरबा कालोनी, छावनी
-लांसनायक परमजीत 14अगस्त 1996 कोड़वा खुर्द, नारायणगढ़
-लांसनायक नरेंद्र सिंह 28 जनवरी 1998 कोड़वा कलां, नारायणगढ़
मनजीत सिंह 7 जून 1999 कांसापुर, बराड़ा
-सिपाही नरेश कुमार 17 सितंबर, 1999 पतरेहड़ी, नारायणगढ़
-लांस नायक सुरजीत सिंह 5 फरवरी 1999 आनंद नगर बोह, छावनी
-मेजर गुरप्रीत सिंह 19 अक्टूबर 1999 राजा पार्क, अंबाला छावनी
-हवलदार सुखविद्र सिंह 12 सितंबर 1999 सैनिक विहार, जंडली
-सिपाही पवन कुमार 31 दिसंबर 1999 गदोली, नारायणगढ़
-लांस नायक सुखजीत 11 नवंबर 2000 पंजोखरा, अंबाला
-गनर राकेश कुमार 26 दिसंबर 2000 सुभरी, बराड़ा
-मेजर अमित आहूजा 22 अगस्त 2001 सेक्टर 7, अंबाला शहर
-सबमेजर जगमाल सिंह 3 नवंबर 2001 महेशनगर, छावनी
-एसडब्ल्यूआर वीरेंद्र सिंह 7 अप्रैल 2001 प्रभुप्रेम पुरम, छावनी
-गनर, निर्मल सिंह 25 नवंबर 2002 शहजादपुर, नारायणगढ़
-मेजर योगेश गुप्ता, 12 जुलाई 2002 डिफेंस कालोनी, छावनी
-सिपाही सुखविद्र सिंह 25 मई 2004 प्रेम नगर-उगाला, बराड़ा
-लांस नायक हरजिद्र सिंह 8 जुलाई 2005 बब्याल, अंबाला छावनी
-हवलदार स्वर्णजीत सिंह 14 सितंबर 2008 पंजोखरा, अंबाला
-सूबेदार रणबीर सिंह 3 जुलाई 2008 बोह रोड, अंबाला छावनी
-कॉर्पोरल गुरसेवक सिंह 2 जनवरी 2016 गरनाला, अंबाला शहर
-लांस नायक विक्रमजीत 6 अगस्त, 2018 तेपला, अंबाला छावनी।