पुरानी सब्जी मंडी से रेहड़ी-फड़ी नहीं हटे, नई सब्जी मंडी में कारोबार ठप
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नई सब्जी मंडी में पहले गेट के पास जगह नहीं मिलने व किराये में बढ़ोत्तरी के खिलाफ रेहड़ी फड़ी संचालक लामबंद हैं। इन रेहड़ी फड़ी लगाने वालों को जिस पुरानी सब्जी मंडी से यहां स्थानांतरित किया गया था वहां अब भी रेहड़ी फड़ी मार्केट बदस्तूर सज रही है। जिसका खामियाजा न केवल नई सब्जी मंडी स्थानांतरित किए लोगों को उठाना पड़ रहा है बल्कि इस मामले में निगम व मंडी प्रशासन की लापरवाही जाहिर हो रही है। इस मामले में दुकानदार डीसी को अवगत करा चुके हैं और सीएम ¨वडो पर भी मामला ले जा चुके हैं। नई सब्जी में फड़ी लगाने वाले देवेंद्र, रमेश, धीरज, अमरपाल,
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नई सब्जी मंडी में पहले गेट के पास जगह नहीं मिलने व किराये में बढ़ोत्तरी के खिलाफ रेहड़ी फड़ी संचालक लामबंद हैं। इन रेहड़ी फड़ी लगाने वालों को जिस पुरानी सब्जी मंडी से यहां स्थानांतरित किया गया था वहां अब भी रेहड़ी फड़ी मार्केट बदस्तूर सज रही है। जिसका खामियाजा न केवल नई सब्जी मंडी स्थानांतरित किए लोगों को उठाना पड़ रहा है बल्कि इस मामले में निगम व मंडी प्रशासन की लापरवाही जाहिर हो रही है। इस मामले में दुकानदार डीसी को अवगत करा चुके हैं और सीएम ¨वडो पर भी मामला ले जा चुके हैं।
नई सब्जी में फड़ी लगाने वाले देवेंद्र, रमेश, धीरज, अमरपाल, ओमपाल व महादेव आदि ने बताया कि नई सब्जी मंडी बनने के बाद उन्हें पुरानी सब्जी मंडी से स्थानांतरित कर दिया गया। यहां वह किराया भी दे रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन पुरानी मंडी से रेहड़ी स्थानांतरित नहीं करा पाया है। मंडी में सिर्फ रविवार को ही ढंग से खरीददारी हो पा रही है। आम दिनों में लोग पुरानी सब्जी मंडी से ही खरीदारी कर रहे हैं।
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मंडी में 1500 रुपये प्रति काउंटर किराया
दुकानदारों के मुताबिक वह लंबे समय से नई मंडी के प्रवेश द्वार वाले गेट के पास रेहड़ियां लगा रहे थे। इस एवज में मार्के¨टग बोर्ड को 900 रुपये प्रति माह देते थे। तीन माह पहले उन्हें शेड में शिफ्ट कर दिया गया। यहां शेड के नीचे उन्हें 6 गुणा 6 की जगह के साथ एक बिजली का प्वाइंट दिया गया। दो महीने बाद मार्के¨टग बोर्ड ने यह किराया प्रति काउंटर 1500 रुपये कर दिया गया। रेहड़ी फड़ी संचालकों की मांग है कि पुरानी सब्जी मंडी में रेहड़ियां बंद कराई जाएं। साथ ही उन्हें पुरानी जगह पर पुराने किराए के हिसाब से रेहड़ी लगाने दी जाएं।