परमात्मा को पाने वाली सीढ़ी का नाम है सत्य: पंडित विजय शंकर
कथावाचक विजय शंकर मेहता ने कहा कि परिवार और खासकर दांपत्य जब भी टिकेगा प्रेम पर टिकेगा। समझौतों पर टिका हुआ दांपत्य सुख नहीं दे सकता। छल-कपट झूठ ये सब रिश्तों को तोड़ देते हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला: कथावाचक विजय शंकर मेहता ने कहा कि परिवार और खासकर दांपत्य जब भी टिकेगा, प्रेम पर टिकेगा। समझौतों पर टिका हुआ दांपत्य सुख नहीं दे सकता। छल-कपट, झूठ ये सब रिश्तों को तोड़ देते हैं। वैसे ही जैसे कि दूध में खटाई की एक बूंद भी पड़ जाने पर वह फटकर किसी काम का नहीं रहता। इसलिए परिवार में प्रेम और सत्य को बचाए रखिए। वह सोमवार छावनी के बीपीएस प्लेनेटोरियम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं के समक्ष प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जीवन में जितना अधिक सत्य होगा, हम उतने ही परमात्मा के अधिक निकट होंगे। सत्य परमात्मा को पाने की सीढ़ी है। उन्होंने ध्रुव चरित्र को समझाते हुए कहा संसार के पीछे भागने से अच्छा है परमात्मा के पीछे दौड़िये। उसके मिलते ही दुनिया आपके पीछे दौड़ेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि 24 दिसंबर को कथा के तीसरे दिन भरत, प्रहलाद चरित्र, नृसिंह अवतार व अजामिल प्रसंगों के माध्यम से जीवन प्रबंधन के सूत्रों की व्याख्या की जाएगी। समाप्ति पर प्रभु को लगा भोग समस्त श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। कथा में चरण पादुका सेवा श्री कृष्ण लीला क्लब के संयोजक सोनू मक्कर, नीटू ने की। इस मौके पर बनारसी दास गुप्ता परिवार के इलावा संयोजक सीए सुभाष गोयल, अनिल गुप्ता, सुरेन्द्र गर्ग, सुशील मित्तल, अजय गुप्ता, एससी गोयल, पवन गोयल, आदित्य गोयल, अजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे।