डेंगू, मलेरिया पर कंट्रोल, अब स्वाइन फ्लू का खतरा
जिले में डेंगू मलेरिया पर स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल कर लिया है लेकिन अब स्वाइन के लिए संकट के बादल हैं।
कपिल कुमार, अंबाला शहर
जिले में डेंगू, मलेरिया पर स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल कर लिया है, लेकिन अब स्वाइन के लिए संकट के बादल हैं। इसलिए विभाग ने स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में तीन नागरिक अस्पताल और चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वाइन फ्लू वार्ड बना दिया है। साथ ही सीएचसी और पीएचसी पर लोगों को स्वाइन फ्लू के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
शहर में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने काफी कसरत की थी। सितंबर के अंत से डेंगू प्रभावी होने लगता है। इसके रोकथाम के लिए विभाग एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी करता है। वर्ष 2019 में डेंगू के 215 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। इसमें करीब आठ मरीज मलेरिया के पॉजिटिव मिले हैं। इसमें नारयणगढ़ के करीब 80 मरीज डेंगू के पॉजिटिव मिले हैं। जबकि डेंगू की अपेक्षा मलेरिया के मरीज ज्यादा मिलते हैं। हालांकि सर्दी होने से डेंगू कंट्रोल में आने लगा है, और काफी दिनों से डेंगू का नया मरीज पॉजिटिव नहीं मिला है। इसके विपरीत डेंगू और मलेरिया से चिकित्सा विभाग को राहत मिली है। वहीं स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ने लगा है। स्वाइन फ्लू के लिए शहर, नारायणगढ़ और कैंट नागरिक अस्पताल में वार्ड बना दिए हैं। ऐसे में यदि स्वाइन फ्लू का मरीज पॉजिटिव मिलता है, तो इलाज की सुविधा मिलेगी। नागरिक अस्पताल में होगी जांच
शहर के नागरिक असपताल में स्वाइन फ्लू की जांच होगी। यहां पर मरीज का एलाईजा टेस्ट होने के बाद ही स्वाइन फ्लू की पुष्टि की जाएगी। यदि किसी मरीज को निजी लैब पर स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आता है, तो विभाग की टीम एलाइजा टेस्ट के लिए खुद जाएगी। नागरिक अस्पताल में मरीज का एलाईजा टेस्ट किया जाएगा। इसे लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी प्लान तैयार कर लिया है। चिकित्सा विभाग ने स्वाइन फ्लू की तैयारियां शुरू कर दी है। इसमें तीन नागरिक अस्पताल और प्राथमिक केन्द्रों पर स्वाइन फ्लू वार्ड बना दिए हैं। वहीं विभाग के पास टैमू फ्लू की दवा भी मुख्यायल से मिल गई है।
डॉ. सुनील हरी, चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा विभाग