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दो परिवारों के प्यार भरे रिश्ते में मकान ने डाली दरार पार्षद के चचेरे भाई ने कर दी अपने पड़ोसी की हत्या

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षद विरेंद्र गांधी के चचेरे भाई विजय

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 07:20 PM (IST)
दो परिवारों के प्यार भरे रिश्ते में मकान ने डाली दरार 
पार्षद के चचेरे भाई ने कर दी अपने पड़ोसी की हत्या
दो परिवारों के प्यार भरे रिश्ते में मकान ने डाली दरार पार्षद के चचेरे भाई ने कर दी अपने पड़ोसी की हत्या

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षद विरेंद्र गांधी के चचेरे भाई विजय शर्मा ने भाजपा जिला महामंत्री रहे जगदीश गोयल के भतीजे संदीप गोयल को रविवार सुबह मौत के घाट उतार दिया। 66 वर्षीय बुजुर्ग विजय शर्मा ने संदीप पर घर के बाहर गोली दागी। एक गोली उसकी टांग के पास से निकल गई, जबकि दूसरी बाई टांग में लगी। सहमा संदीप अपनी जान बचाने के लिए गली से घर की ओर भागा, लेकिन घर से 17 फुट दूरी पर खड़ी बाइक में उसकी शर्ट फंस गई और उसके ऊपर बाइक गिर गई। इससे पहले की संदीप मोटरसाइकिल को उठाकर भागता, पीछा कर रहे विजय शर्मा ने उसकी ओर झुककर छाती में दो गोलियां दागकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

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दोनों के बीच करीब 10 साल पहले चाचा-भतीजा जैसा प्यार था। विजय शर्मा ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे इसीलिए संदीप उनकी मदद करता था। दोनों में इतना प्यार था कि विजय शर्मा के कहने पर संदीप ने अपने मकान की रजिस्ट्री तक उसे दे दी थी। इस पर विजय ने पीएनबी से करीब पांच लाख रुपये का लोन लिया था। जब संदीप को इस बारे में पता चला तो संदीप ने विजय को बैंक से अपने घर की रजिस्ट्री रिलीज कराने के लिए कहा, लेकिन विजय ने साफ तौर पर इंकार कर दिया। यही कारण रहा कि दो परिवारों के बीच एक मकान ने रंजिश की नींव रखते हुए दरार डाल दी। इसके बाद संदीप ने कई मामलों में विजय शर्मा के खिलाफ शिकायतें दीं। विजय ने भी थाने में संदीप के खिलाफ शिकायत दी और प्यार पूरी तरह से रंजिश में तब्दील हो गया। एक-दो मामलों में तो दोनों का कोर्ट में केस भी चल रहा था।

कमाने वाला नहीं बचा कोई, रोजी-रोटी का संकट

पति की हत्या के बाद पत्नी ईशा बेहोश हो गई। उसे छावनी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईशा विलाप करते हुए हर किसी से यही पूछ रही थी कि उसका पति बच तो जाएगा न। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह उसे बता सके कि अब संदीप कभी उसके पास नहीं आएगा। ईशा और संदीप दोनों ही अपने माता-पिता को पहले ही खो चुके हैं। अब संदीप की मौत के बाद 12 वर्षीय बेटा अनमोल और 14 वर्षीय बेटी गुनमन ही रह गई है, लेकिन ईशा के सामने अब यह संकट खड़ा हो गया है कि वह इन दोनों बच्चों और खुद का गुजर बसर कैसे करेगी, क्योंकि घर में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है।

दुकानदारों ने रोष में तोपखाना बाजार किया बंद

हत्या के विरोध में दुकानदारों ने तोपखाना बाजार बंद कर दिया। इससे पहले कुछ लोगों ने दुकानदारों से बाजार बंद करने की गुहार लगाई ताकि हत्यारोपित विजय शर्मा को गिरफ्तार किया जा सके। कुछ देर बाजार बंद रखने के बाद कुछ दुकानदारों ने दुकानें खोल दी लेकिन कुछ ने दिनभर शटर डाउन ही रखे।

गैस पाइप लाइन फी¨टग का करता था काम

संदीप पहले कपिल गैस एजेंसी में बतौर अकाउंटेंट कार्यरत था लेकिन किसी बात को लेकर संदीप को एजेंसी से निकाल दिया गया था। एक मामले में कुछ दिन संदीप जेल में भी रहा। इसके बाद उसने रसोई गैस फी¨टग का खुद का काम शुरू कर दिया। उसी से परिवार का गुजर बसर चल रहा था।

वर्जन

हत्यारोपित विजय शर्मा ने थाने में सरेंडर कर दिया है। दोनों में लंबे समय से रंजिश चल रही थी। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।

सुरेश कौशिक, डीएसपी।


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