वीरों से भरा पड़ा अंबाला की धरती का इतिहास, शहादत दी पर नहीं हटे पीछे
पवन पासी : अंबाला शहर प्रदेश में अंबाला की धरती का इतिहास उन वीरों से भरा पड़ा है जो
पवन पासी : अंबाला शहर
प्रदेश में अंबाला की धरती का इतिहास उन वीरों से भरा पड़ा है जो वाकई हमारे हीरो हैं। स्वतंत्रता की लड़ाई हो या फिर पड़ोसी देशों से जंग का मोर्चा यहां के वीरों ने अपनी शहादत देना मंजूर किया लेकिन कभी मोर्चा छोड़ पीछे नहीं हटे। इस वीरभूमि से सिपाही से लेकर कर्नल तक ऐसे लाल जन्मे जो सीधे दुश्मन से टकरा गए। अंबाला शहर में सेक्टर 7 के निवासी मेजर अमित आहूजा गेट, मेजर विजय रतन चौधरी चौक, शहीद अतुल सोमरा चौक आदि इन वीरों के नाम से रोशन हैं। पठानकोट हमले में शहीद हुए अंबाला से सटे गांव गरनाला के गुरसेवक की शहादत और जाबांजी की कहानी, पठानकोट हमले आधा दर्जन गोलियां खाकर भी जीवटता दिखाने वाले गरूड़ कमांडो शैल्लभ गौड़ व 6 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादी घुसपैठ को रोकते हुए शहीद हुए गांव तेपला निवासी लांस नायक विक्रमजीत ¨सह की कहानी हर किसी की जुबान पर है।
अब तक के आंकड़ों पर नजर मारी जाए तो सैनिक बोर्ड के मुताबिक यहां करीब 66 जवान पड़ोसी देशों से जंगों, कारगिल युद्द व अन्य आतंकी घटनाओं में अपने प्राण न्यौछावर कर चुके हैं। अंबाला में सैनिक परिवारों की संख्या हजारों में होने के कारण यहां से सेना में जाने वाले युवाओं की तादाद भी कहीं ज्यादा है। तेपला, कोड़वा कलां, कोड़वा खुर्द, मेहतबागढ़, पिलखनी जैसे सैनिक पृष्ठभूमि के गांव है जहां हर घर में फौजी हैं। अंबाला के जवानों ने हर मोर्चे पर अपने शौर्य का प्रचम लहराया। आंकड़ों पर नजर मारी जाए तो भारत-चीन युद्द, भारत-पाक युद्धों, कारगिल युद्ध व आतंकवादियों का खात्मा करने में अंबाला के शहीदों का बड़ा योगदान रहा है। इतना ही नहीं अंबाला के सैनिकों व शहादत प्राप्त करने वाले वीरों के नाम कई बहादुरी पुरस्कार भी हैं। अंबाला सेना का गढ़ भी है। यहां पर जहां टू कोर का मुख्यालय है वहीं, एयरफोर्स स्टेशन भी है।
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आतंकवादी, सीमा पार गोलीबारी व कारगिल युद्ध के शहीद
शहीद मृत्यु तिथि निवासी
सिपाही रामस्वरूप 29 जून 1956 लालपुर, नारायणगढ़
सिपाही करनैल ¨सह 1 अप्रैल 1957 कोड़वां कलां, नारायणगढ़
सिपाही मेला ¨सह 1 अप्रैल 1957 गणेशपुर, नारायणगढ़
सिपाही नैब ¨सह 2 जून 1972 मुनरहेड़ी, अं. छावनी
सिपाही शेर ¨सह 1 फरवरी 1972 नसरौली, नारायणगढ़
नायक मनसा ¨सह 5 मई 1972 बराड़ा, अंबाला
सिपाही कृपाल ¨सह 19 फरवरी 1982 बब्याल, छावनी
हवलदार अमर ¨सह 4 अक्टूबर 1985 हमीरपुर, बराड़ा
लांसनायक मंजीत ¨सह 13अक्टूबर 1987 बलदेव नगर, अं. शहर
सिपाही शेर ¨सह 13 सितंबर 1987 बिचली दमोली, नारायणगढ़
सिपाही कश्मीर ¨सह 22 जुलाई 1988 गणेशपुर, नारायणगढ़
हवलदार तारा ¨सह 6 जून 1989 मतिदास नगर, अं. छावनी
सिपाही जागर ¨सह 13 मई 1989 बकनौर, अंबाला शहर
कर्नल जेएस दुआ 25 जनवरी, 1992 सिविल लाइन, अं. शहर
लेफ्टिनेंट मुकेश आनंद 27 मार्च 1994, कस्तूरबा कालोनी, छावनी
लांसनायक परमजीत 14अगस्त 1996 कोड़वा खुर्द, नारायणगढ़
लांसनायक नरेंद्र ¨सह 28 जनवरी 1998 कोड़वा कलां, नारायणगढ़
मनजीत ¨सह 7 जून 1999 कांसापुर, बराड़ा
सिपाही नरेश कुमार 17 सितंबर, 1999 पतरेहड़ी, नारायणगढ़
लांसनायक सुरजीत ¨सह 5 फरवरी 1999 आनंद नगर बोह, छावनी
मेजर गुरप्रीत ¨सह 19 अक्टूबर 1999 राजा पार्क, अं. छावनी
हवलदार सुख¨वद्र ¨सह 12 सितंबर 1999 सैनिक विहार, जंडली
सिपाही पवन कुमार 31 दिसंबर 1999 गदोली, नारायणगढ़
लांसनायक सुखजीत 11 नवंबर 2000 पंजोखरा, अंबाला
गनर राकेश कुमार 26 दिसंबर 2000 सुभरी, बराड़ा
मेजर अमित आहूजा 22 अगस्त 2001 सेक्टर 7, अं. शहर
सबमेजर जगमाल ¨सह 3 नवंबर 2001 महेशनगर, छावनी
एसडब्ल्यूआर व¨रद्र ¨सह 7 अप्रैल 2001 प्रभुप्रेम पुरम, छावनी
गनर, निर्मल ¨सह 25 नवंबर 2002 शहजादपुर, नारायणगढ़
मेजर योगेश गुप्ता, 12 जुलाई 2002 डिफेंस कालोनी, छावनी
सिपाही सुख¨वद्र ¨सह 25 मई 2004 प्रेम नगर-उगाला, बराड़ा
लांसनायक हर¨जद्र ¨सह 8 जुलाई 2005 बब्याल, अं. छावनी
हवलदार स्वर्णजीत ¨सह 14 सितंबर 2008 पंजोखरा, अंबाला
सूबेदार रणबीर ¨सह 3 जुलाई 2008 बोह रोड, अं. छावनी
कॉर्पोरल गुरसेवक ¨सह 2 जनवरी 2016 गरनाला, अं. शहर
लांस नायक विक्रमजीत 6 अगस्त, 2018 तेपला, अं. छावनी
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