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खामियां छिपा कर एनक्वास के निरीक्षण में खरा उतरने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड(एनक्वास) अवार्ड मूल्यांकन सर्वे की नेशनल टीम के दौरे से पहले शहर स्थित जिला नागरिक अस्पताल व छावनी नागरिक अस्पताल को तय पैमाने पर खरा दिखाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तमाम कोशिशें कर रहा हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 01:40 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 01:40 AM (IST)
खामियां छिपा कर एनक्वास के निरीक्षण में खरा उतरने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
खामियां छिपा कर एनक्वास के निरीक्षण में खरा उतरने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड(एनक्वास) अवार्ड मूल्यांकन सर्वे की नेशनल टीम के दौरे से पहले शहर स्थित जिला नागरिक अस्पताल व छावनी नागरिक अस्पताल को तय पैमाने पर खरा दिखाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तमाम कोशिशें कर रहा हैं। टीम की चेक लिस्ट में जहां जिला अस्पताल के 16 विभाग हैं वहीं नागरिक अस्पताल छावनी के 12 विभाग शामिल हैं। चूंकि, छावनी अस्पताल पहले राज्य स्तर पर कायाक्लप सर्वे में प्रथम व एनक्वास में जरूरी 70 फीसद अंक के बजाय 90 फीसद अंक हासिल कर चुका है तो नेशनल सर्वे में भी यहां कोई अड़चन की उम्मीद कम है। अस्पताल एनएबीएच(नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पटिल्स) के स्टैंडर्ड पर बना होने का फायदा मिलना भी तय है। वहीं, शहर स्थित अस्पताल राज्य स्तर पर तो पास हो गया लेकिन अब नेशनल स्तर पर होने वाले निरीक्षण में जरूरी 70 फीसद अंक लेने के लिए हर तिकड़म की जा रही है। अस्पताल में भले ही दिव्यांग मरीजों के लिए अलग से शौचालयों की पहले से कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन राज्य स्तर के निरीक्षण में ट्रामा सेंटर के स्टाफ टायलेट को दिव्यांग का दिखाया गया। अब देखना होगा कि यह सब नेशनल टीम के आगे भी चल पाएगा या नहीं। फिलहाल अस्पताल प्रशासन सब प्रबंधों को चाक चौबंद करने की कोशिश में जरूर जुटा हुआ है।

छावनी व शहर अस्पताल में इस टीम के आने से पहले जहां कई पहलू दुरुस्त किए जा रहे हैं तो कई छिपाए जा रहे हैं। मसलन छावनी व शहर अस्पताल में महज एक एक फिजिशियन है। इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) की भारी कमी है। छावनी में महज एक ईएमओ है। इसी प्रकार लैब में लैब टेक्नीशियन व आपरेशन थियेटर में ओटीए पर्याप्त नहीं हैं। प्रसूति विभाग स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहा है तो अस्पतालों में स्टाफ नर्सों की भारी कमी है। हालांकि, टीम के आने से पूर्व सब दुरुस्त करके दिखाया जा रहा है। इसी कड़ी में ट्रामा सेंटर में मरम्मत का काम किया जा रहा है जबकि मोर्चरी में किया जा चुका है। इसी तरह अस्पताल में मरीजों पर आधारित सेवाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। टीम के निरीक्षण में विभागों में स्वास्थ्य सेवाओं उनके परिचालन, मरीजों के रिकार्ड की गोपनीयता, साफ सफाई, पैरामेडिकल स्टाफ की कुशलता आदि सहित मरीज भी केंद्र ¨बदु है।

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सर्वे में खरा उतरने पर मिलेगा 50 लाख का अवाड

- अस्पताल इस मूल्यांकन सर्वे में खरा उतरता है तो वह 50 लाख रुपये की अवार्ड राशि हासिल कर सकता है। जिससे अस्पताल की सुविधाओं के विस्तार में मदद मिलेगी।छावनी अस्पताल का निरीक्षण पहले से तय माना जा रहा था जिसे लेकिन शहर स्थित जिला अस्पताल को कुछ दिन पहले ही इस निरीक्षण में शामिल किया गया है। इस टीम ने इमरजेंसी, इंडोर सेवाएं, लेबर रूम, एसएनसीयू, एनआरसी, आप्रेशन थियेटर, फार्मेसी, पीपी यूनिट, ओपीडी सेवाएं, लैब, मोर्चरी, प्रशासकीय विभाग व ब्लड बैंक की सेवाओं का मूल्यांकन करना है। हालांकि, छावनी अस्पताल में 12 विभागों का निरीक्षण किया जाएगा। अस्पताल में ब्लड बैंक, एनआरसी, मोर्चरी, एसएनसीयू शामिल नहीं हैं।

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प्रसूति विभाग पर केंद्रित रहेगा लक्ष्य सर्वे

- इस निरीक्षण में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के मकसद से प्रसूति विभाग का लक्ष्य मूल्यांकन सर्वे के तहत विशेष निरीक्षण किया जाएगा। लक्ष्य का मकसद स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषकर जननी व शिशु पर केंद्रित रहता है। जिसमें लेबर रूम में इंफेक्शन मुख्य रूप से केंद्रित है। मातृत्व एवं शिशु की मृत्यु दर, स्तनपान व गुणवत्ता को देखा जाता है।

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अस्पताल मूल्यांकन सर्वे के लिए तैयार है

- जिला अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. मलकीत ¨सह ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड(एनक्वास) अवार्ड मूल्यांकन सर्वे की नेशनल टीम के आने से पूर्व जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। टीम ने अस्पताल में 16 विभागों में चेक करना है। यह सर्वे अस्पताल की सेवाओं एवं सुविधाओं पर केंद्रित रहता है। जिसमें खरा उतरने पर अवार्ड राशि अस्पताल को मिलती है।


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