किसानों के मुआवजे में आचार संहिता का अड़ंगा, प्रशासन ने आयोग से मांगी अनुमति
मुआवजे के लिए फरियादी बने किसानों के लिए अब आचार संहिता अड़ंगा बन गई है। किसानों को जो मुआवजा राजस्व विभाग के माध्यम से दिया जाना था उसका कोई पैसा किसानों को जारी नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, अंबाला : मुआवजे के लिए फरियादी बने किसानों के लिए अब आचार संहिता अड़ंगा बन गई है। किसानों को जो मुआवजा राजस्व विभाग के माध्यम से दिया जाना था उसका कोई पैसा किसानों को जारी नहीं हुआ। शनिवार को भी किसान एसडीएम कमलप्रीत कौर को मिले। भाकियू के शहर ब्लाक प्रधान सुखविद्र सिंह के मुताबिक एसडीएम ने किसानों को बताया कि मुआवजा राशि रिलीज करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है। साथ ही उन्हें धरना उठाने के लिए कहा जा रहा है। अब तक जो भी पैसा मिला है वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ही करीब 2800 किसानों को मिला है। इससे पहले सभी किसान सरकारी छुट्टी के बावजूद डीसी कार्यालय पर धरना देने पहुंचे।
धरना स्थल पर किसानों ने जहां अपनी मांगों के समर्थन व सरकार विरोधी नारेबाजी की वहीं, धरना स्थल पर शहीदी दिवस भी मनाया। किसानों ने शहीद भगत सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। किसान एक बार फिर डीसी के सरकारी वाहन खड़ा होने की जगह पर जमे नजर आए जबकि प्रशासन किसानों को हटने के लिए कह चुका है। किसानों ने दोपहर में डीसी कार्यालय परिसर में ही लंगर भी खाया। वहीं, इस धरने का नेतृत्व कर रही भाकियू ने किसानों से अब तक जारी हुए मुआवजे को लेकर चर्चा भी की। इस मौके भाकियू के मुलाना प्रधान हरपाल सिंह धन्योडा ने कहा कि वह प्रशासन की फौरी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे लेकिन दस्तावेज पर किसानों को भी विश्वास करना होगा। वहीं, हरकेश सिंह मोहड़ी ने कहा कि किसानों को भले ही पैसा रिलीज करने की बात की जा रही है लेकिन जब तक खातों में नहीं आता किसानों को कोई फायदा नहीं है। इसके लिए प्रशासन से लगातार बात करना जरूरी है। वहीं, भाकियू के शहरी ब्लाक प्रधान सुखविद्र सिंह ने सौंटा-सौंटी, जंधेड़ी आदि गांवों में जाकर 2 अप्रैल की शहर अनाज मंडी में प्रस्तावित किसान महापंचायत का न्योता दिया।