गाड़ी हुई खराब, नीचे उतरे तो बस ने कुचला, सात छोड़ गए दुनिया
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर नववर्ष 2019 में मंगलकामना के लिए चार परिवारों के 21 सदस्य चं
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
नववर्ष 2019 में मंगलकामना के लिए चार परिवारों के 21 सदस्य चंडीगढ़ से वृंदावन धाम की यात्रा पर निकले थे, लेकिन कोई वहां नहीं पहुंच सका। काल बनकर आई वोल्वो बस ने दो गाड़ियों में सवार एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल सात लोगों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। इसके अलावा 11 अन्य को गंभीर चोटें भी आई। जैसे ही सात लोगों को मृत घोषित किया, वहां शवों को देखकर ¨जदा बचे घायलों की चीखों ने रात के सन्नाटे को चीर दिया। शुक्रवार-शनिवार रात करीब एक बजे नेशनल हाईवे ड्राइव इन-22 होटल के पास चीखों की गूंज के साथ हाहाकार मच गया। हादसे में मारी गई हर्षिता और पीयूष 143ए सेक्टर मानव मंगला स्कूल में पढ़ते थे। जबकि घायल 18 वर्षीय पलक गुरू गोविन्द सिहं कॉलेज सेक्टर 26 चंडीगढ़ में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। उसी की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। हादसे में कविता कपूर, उसी बेटी हर्षिता, रंजना और जेठानी आशा की मौत हो गई जबकि दो परिवारों के मुखिया ड्राइवर सुरेश और मनोज भी दुनिया को अलविदा गए।
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नेहा ने आर्गेनाइज किया था ट्रिप, लिए थे 1500-1500 रुपये
इस टूर को नेहा ने आर्गेनाइज किया था। नेहा ने प्रति सवारी के हिसाब से सभी से 1500-1500 रुपये लिए थे। बच्चों के स्कूलों की छुट्टियां चल रही थी। कॉलेज में जाने वाले बच्चों के भी अवकाश थे। इसीलिए सभी ने सोमवार तक का ट्रिप वृंदावन धाम का बनाया। सोमवार को सभी की चंडीगढ़ के लिए वापसी होनी थी। लेकिन कोई भी वृंदावन तक पहुंच ही नहीं पाया।
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परिवार की दो बेटियां दुनिया में नहीं
इस हादसे में सेक्टर-30 के मकान नंबर-73 में रहने वाले कपूर परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। हादसे में परिवार की 43 वर्षीय आशा और कविता कपूर और उनकी दो बेटियां 9 वर्षीय हर्षिता और 18 वर्षीय रंजू की मौत हो गई। 9 वर्षीय हर्षिता तीसरी कक्षा और रंजू बीटेक की छात्रा थी। वहीं, आशा और कविता गृहिणी थी। कपूर परिवार में छह माह पहले हुई थी बेटे जतिन की शादी
कपूर परिवार में 6 महीने पहले जहां शादी की शहनाई गूंज रही थी, वहीं, शनिवार को पूरे परिवार पर कहर टूट गया। हादसे की खबर जैसे ही परिवार के अन्य सदस्यों को पता चली, तो पूरे घर में कोहराम मच गया। पड़ोसियों ने बताया कि 6 महीने पहले ही आशा के बड़े बेटे जतिन की शादी हुई थी। सेक्टर-25 में एक साथ जलीं चिताएं
शव आने की खबर से मृतकों के घर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। शाम को अंतिम संस्कार करने के लिए घर से एक साथ चारों शव उठाए गए। बाद में सेक्टर-25 स्थित क्रिमेशन ग्राउंड में संस्कार किया गया। मैंने मना भी किया था कि मत जाओ
आशा के बेटे जतिन ने रोते हुए बताया कि मैंने मना भी किया था कि मत जाओ। लेकिन मेरी एक बार भी नहीं सुनी। अगर मेरी बात मान लेते तो ये सब न होता। आंटी के साथ जा रहा था पीयूष, लाश देखते ही मां हो गई बेहोश
हादसे में तीन अन्य लोगों की मौत भी हुई है, जिसमें एक पांच वर्ष का बच्चा भी है। पीयूष भी अपनी आंटी के साथ गाड़ी में घूमने जा रहा था, लेकिन हादसे में उसकी मौत की खबर सुनकर सारे घर में मातम पसर गया। जैसे ही पीयूष के शव को उसकी मां ने देखा, तो वे बेहोश हो गई। पीयूष परिवार का अकेला वारिस था। वहीं, हादसे में मारे गए ड्राइवरों के परिवार वालों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। मिली जानकारी के अनुसार एक ड्राइवर की बेटी बार-बार अपने पिता को फोन कर साथ ले जाने की बात कर रही थी, लेकिन ड्राइवर पिता ने उसे साथ ले जाने से मना कर दिया। करीब चार माह पहले हुई थी घायल प्रीति की शादी
हादसे में घायल हुई 26 सेक्टर निवासी प्रीति की करीब चार माह पहले शादी हुई थी। बताया जा रहा है कि प्रीति दो माह की गर्भवती थी। हादसे का शिकार होने के बाद प्रीति सहित अन्य सभी 8 घायलों को अस्पताल भेजा गया। हादसे के बाद प्रीति के पेट में असहनीय दर्द हो रहा था। सभी इस बात की कामना कर रहे थे कि अजन्मे शिशु को भगवान नुकसान न पहुंचाए।
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खरोंच भी नहीं आई, डर से निकल गया बच्चे का दम
हादसे में मारे गए 5 वर्षीय पीयूष को हल्की खरौंच तक नहीं आई थी। जिस टवेरा में पीयूष सवार था वह पूरी तरह से कंडम हो चुकी थी। इसके अलावा टवेरा में सवार अन्य यात्रियों को भी गंभीर चोटें आई थी। खून के छीटों से टवेरा पूरी तरह से अंट चुकी थी। गाड़ी में सवार 5 वर्षीय बच्चा पीयूष ऐसे लेटा था मानो वह सो रहा हो, लेकिन जब उसे हिलाया गया तो वह मृत पाया गया। माना जा रहा है कि पीयूष की मौत सदमे में हुई है।
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आशा के पति की हुई थी गत वर्ष मौत
हादसे में मारे गए एक ही परिवार के चार सदस्यों में शामिल आशा के पति की गत वर्ष हादसे में ही मौत हुई थी। अब आशा भी दुनिया छोड़ गई। राजेश कपूर ने विलाप करते हुए कहा कि वह अब अपनी दोनों बेटियों और पत्नी कविता को कभी नहीं देख सकेगा। भाई तो पहले ही चल बसा था अब भाभी भी नहीं रही। राजेश की सेक्टर 19 चंडीगढ़ में कविता फैबरिक के नाम से दुकान है। कविता इस दुकान को संभाल रही थी। अब परिवार में राजेश और उसके भाई के परिवार में चार सदस्य ही बचे हैं। कुल 9 सदस्य इस परिवार में शामिल थे।
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शोक में सेक्टर-19 की सदर मार्केट रही बंद
हादसे के बाद शहर की सेक्टर-19 के सदर मार्केट के दुकानदारों ने भी शोक जताया और दुकानों को बंद रखा। परिवार के मुखिया राजेश कपूर की सेक्टर-19 की सदर मार्केट में कपड़ों की दुकान है। मार्केट के अन्य दुकानदारों को जैसे राजेश के परिवार के साथ हुए इस हादसे का पता चला, तो वे दुख बांटने के लिए उनके घर गए और शोकग्रस्त परिवार को सांत्वना दी।
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कोट्स
हादसे में मारे गए परिवारों के सभी सदस्यों से हमारी संवेदनाएं हैं। पुलिस टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। उसी से यह पता चलेगा कि इन दोनों गाड़ियों के पीछे कौन-कौन से वाहन निकले थे। इससे ही पता चल पाएगा कि हादसा वोल्वो बस से हुआ या फिर किसी ट्राले से। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
आस्था मोदी, एसपी अंबाला।