आचार संहिता में फंसी पेंशन बनी बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए टेंशन, अटके सैकड़ों नए आवेदन
आचार संहिता बुजुर्ग और विधवा महिलाओं के लिए टेंशन बन गई है। क्योंकि आचार संहिता के चलते किसी भी प्रकार की नई पेंशन नहीं बन पा रही है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : आचार संहिता बुजुर्ग और विधवा महिलाओं के लिए टेंशन बन गई है। क्योंकि आचार संहिता के चलते किसी भी प्रकार की नई पेंशन नहीं बन पा रही है। हालात यह हैं कि अज्ञानतावश बुजुर्ग, विधवा व दिव्यांग नई पेंशन बनवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। आचार संहिता के चलते न केवल नई पेंशन बन पा रही हैं बल्कि आयु का प्रमाण न होने पर लगने वाले मेडिकल जांच शिविर जिनके आधार पर बुजुर्ग की आयु का प्रमाण पत्र जारी होता था वह भी पुराने सिविल अस्पताल में बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में ऐसे लोग अब फार्म आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं। 23 मई तक आचार संहिता के चलते मेडिकल शिविर भी नहीं लगेंगे। बता दें कि महीने के पहले और तीसरे बृहस्पतिवार को यह शिविर सिविल अस्पताल अंबाला शहर में लगते थे। 10 मार्च को आचार संहिता लगने के बाद से लेकर अब तक किसी की कोई नई पेंशन नहीं बनी है।
एटीएम के जरिए पेंशन निकालने वालों को आ रही दिक्कतें
ऐसे बुजुर्ग, दिव्यांग व अन्य पेंशनधारक जिन्होंने एटीएम के जरिए पेंशन निकाली है उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि यदि दो माह तक पेंशनधारक बैंक या संबंधित डाकघर में स्वयं उपस्थित नहीं होता तो उसकी पेंशन होल्ड कर दी जाती है। जब तक पेंशनधारक कार्यालय में नहीं जाता उसे पेंशन नहीं दी जाती। जबकि पेंशनधारक एटीएम से पेंशन निकालने के बाद यह सोचते हैं कि हर बार ऐसे ही मिल जाएगी।
जिले में 1.26 लाख पेंशनधारक
जिले की बात करें तो यहां एक लाख 26 हजार 692 पेंशनधारक हैं जोकि समाज कल्याण विभाग से पेंशन लेते हैं। इनमें 76 हजार 892 बुढ़ापा पेंशन, 8546 दिव्यांग, 31 हजार 733 विधवा, 6128 निराश्रित बच्चे, 2846 लाडली, एक कश्मीरी माइग्रेंट, 548 मंदबुद्धि, 4 किन्नर और 4 बोने पेंशनधारक हैं।
जनवरी में बनी थी 186 पेंशन
जनवरी 2018 में 186 नई पेंशन बनी थी। इनमें 143 पेंशनधारक 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति थे जबकि 43 ऐसे व्यक्ति थे जिनकी आयु 60 वर्ष या इससे कम की थी। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगने वाले शिविर से आया था।
सरल पोर्टल ओपन, हो सकते हैं आवेदन
बेशक आचार संहिता के चलते नई पेंशन नहीं बन रही लेकिन पेंशन के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। सरल पोर्टल पर आनलाइन आवेदन हो सकते हैं। हालांकि आचार संहिता तक यानी 23 मई तक यह फार्म प्रक्रिया में नहीं आएंगे। न ही विभागीय अधिकारी ऐसे लोगों का खाका देख सकते हैं। क्योंकि पोर्टल उन्हें आगे प्रोसेस नहीं करेगा।
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पति का एक साल पहले देहांत हुआ था। मुझे 20 हजार रुपये मुआवजा मिलना था। अप्लाई करने के बाद एक साल बीत चुका है लेकिन कोई जानकारी नहीं है न कोई कुछ बता रहा है। अभी भी बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
पिकी, नसीरपुर।
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तीन महीने से पेंशन नहीं आई। आज यहां पता करने आई हूं। अंदर बैठे कर्मी कहे रहे हैं कि अभी दो महीने और लगेंगे।
मुख्यतयारो देवी, सारंगपुर
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मेरी पेंशन दो महीने से नहीं आई है। इसीलिए आज हम आए थे लेकिन यहां आकर पता चला है कि अभी पेंशन कम से कम दो महीने और नहीं मिलेगी।
मोनी राम, सारंगपुर।
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मेरी उम्र 67 साल है। तीन महीने पहले नई पेंशन बनवाने के कागजात पूरे करके अपने एमसी को दे दिए थे। दो-तीन दिन पहले एससी से मिले थे। उन्होंने कहा कि कार्यालय में जाकर पता करें। यहां आकर पता किया तो यह कह रहे हैं कि पेंशन नहीं लगेगी।
सत्या देवी, दुर्गानगर
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मैंने भी अपने एमसी को ही फार्म दिए थे। उनके कहने के बाद ही आज कार्यालय में आए थे। बाबू कह रहा है कि इलेक्शन के चलते अभी पेंशन नहीं बनेगी।
कमलेश देवी, दुर्गानगर।
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पेंशन बनवाने के लिए यहां आई हैं। लेकिन यह बोल रहे हैं कि अभी नई पेंशन नहीं बनेगी। बेटा पंजोखरा के पास से इतनी दूर से आए हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा।
माया देवी, टुंडली।
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मेरे पास उम्र के दस्तावेज नहीं हैं। मैं यहां आई थी नई पेंशन बनवाने लेकिन अब यह कह रहे हैं डाक्टरी जांच के बाद ही कुछ होगा। डाक्टरी जांच चुनावों के बाद ही हो सकेगी।
मेरे पास उम्र का प्रमाण पत्र नहीं है, लेकिन 60 साल से ज्यादा की हो चुकी हूं और पेंशन बनवाने आई हूं। यहां अफसर कह रहे हैं कि मेडिकल के बाद ही आना।
कमला देवी, टुंडली ।