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कोर्ट की अवमानना में फंसे एसडीएम व ईओ को समन

अंबाला छावनी के रेलवे रोड की 108 नंबर प्रापर्टी की धोखाधड़ी में मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले नगर परिषद के अधिकारी ही विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:50 AM (IST)
कोर्ट की अवमानना में फंसे एसडीएम व ईओ को समन
कोर्ट की अवमानना में फंसे एसडीएम व ईओ को समन

जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी के रेलवे रोड की 108 नंबर प्रापर्टी की धोखाधड़ी में मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले नगर परिषद के अधिकारी ही विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। कारोबारी सिगला ने म्यूटेशन करने की एवज में नगर परिषद के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को शिकायतें भेजी थीं। डेढ़ साल तक चक्कर कटवाने पर 21 लाख रुपये का हर्जाने का नोटिस भी भेजा गया है। यहां तक कि अदालत की अवमानना पर याचिका भी कोर्ट में दायर कर दी। 22 अक्टूबर को डाली इस याचिका में एसडीएम सुभाष चंद्र सिहाग, नगर परिषद अंबाला कैंट के कार्यकारी अधिकारी विनोद नेहरा और पुनीत सरपाल को पार्टी बनाया गया है। इसके तीन दिन बाद ही नगर परिषद ने भी एसपी को पत्र लिखकर कारोबारी पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की।

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इस तरह है प्रापर्टी का विवाद

छावनी के रेलवे रोड प्रापर्टी नंबर 108 की दो अलग-अलग रजिस्ट्रियां निखिल सिगला और ललिता सिगला के नाम सन 2019 में हुई थी। करीब एक करोड़ रुपये की अलग-अलग दो रजिस्ट्रियां हुई हैं। रजिस्ट्री करवाने के बाद कारोबारी सिगला ने नगर परिषद में नक्शा पास और म्यूटेशन करवाने की फाइल जमा करवा दी। आरोप है कि नक्शे की फाइल नगर परिषद से गायब हो गई, जबकि म्यूटेशन के लिए 50 हजार की रिश्वत मांगी गई। सिगला का दावा है कि यह प्रापर्टी करीब एक करोड़ देकर खरीदी गई है, जिसके वे मालिक हैं। जमीन ली•ा की नहीं है। म्यूटेशन नहीं करने पर कारोबारी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, विजिलेंस को शिकायत भेजी गई थी, जिसकी जांच भी शुरू हो गई है। इन गंभीर आरोपों पर नगर परिषद के अधिकारियों से जवाब तक तलब किया गया।

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धोखाधड़ी में मां-बेटे को किया नामजद

छावनी की सदर थाना पुलिस ने नगर परिषद के सहायक संपदा अधिकारी-कम कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार की शिकायत पर निखिल सिगला और उनक माता ललिता सिगला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया कि इस जमीन की रजिस्ट्री कोर्ट के आदेशों पर की गई है। आरोप लगाया कि एक्साइज एरिया अंबाला सदर में स्थित भूमि के मलबे को अपनी नाम पर पंजीकृत करवा सकता है, क्योंकि भूमि का मालिकाना हक सरकार का होता है। जीएलआर के मुताबिक यह संपत्ति ऑयल स्ट्रांग डिपो के नाम दर्ज है।

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स्कीम में खरीदी थी जमीन : सिगला

आरोपित निखिल सिगला के पिता राजेश सिगला ने दैनिक जागरण को बताया कि पैकेज स्कीम के तहत राष्ट्रपति सेल में यह जमीन निर्भय रोडवेज ट्रांसपोर्ट कंपनी ने खरीद ली थी। इसके बाद करीब एक करोड़ में कंपनी से जमीन सिंगल को बेच दी थी। उन्होंने दावा किया कि सभी दस्तावेज उनके पास हैं।

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इस तरह उठे सवाल

पहली एफआइआर में बेचने वाले को नामजद नहीं किया।

- रिजर्व प्राइस 10707 को ली•ा प्राइस दर्शा दिया गया।

- सिगला दंपती ने कई शिकायतें और कोर्ट में याचिका दायर की, तो ही क्यों जागा नगर परिषद।

- विजिलेंस ने भी शुरू की जांच, तो सिगला कारोबारी पर दबाव के लिए थाने में दर्ज कराया मुकदमा।


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