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अभी गन्ना किसानों को नहीं मिल रही पर्चियां, बाद में लेबर महंगा होने का डर

गन्ना उत्पादक किसानों का गन्ना सेंटरों पर ट्रैक्टर-ट्रालियों में लदा खड़ा है। अकेले माजरी गन्ना सेंटर पर ही एक दर्जन से ज्यादा ट्रालियां खड़ी हैं और किसानों को मिल की पर्ची का इंतजार है। किसानों के मुताबिक मिल से पर्ची नहीं मिलने से गन्ना ट्रालियों में लदा सूख रहा है। अब मिल उन्हें खरीद संबंधी पर्ची नहीं दे रहा है और आगे उन्हें लेबर नहीं मिलेगी। जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा। हालांकि जिन किसानों ने अभी उपलब्ध लेबर को देखते हुए अपना गन्ना कटवा लिया है उन्हें अभी भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कटाई के बाद गन्ना सूखने लगता है। इस मामले में मिल प्रबंधन कदम उठाए जिससे किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 07:01 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 07:01 AM (IST)
अभी गन्ना किसानों को नहीं मिल रही पर्चियां, बाद में लेबर महंगा होने का डर
अभी गन्ना किसानों को नहीं मिल रही पर्चियां, बाद में लेबर महंगा होने का डर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : गन्ना उत्पादक किसानों का गन्ना सेंटरों पर ट्रैक्टर-ट्रालियों में लदा खड़ा है। अकेले माजरी गन्ना सेंटर पर ही एक दर्जन से ज्यादा ट्रालियां खड़ी हैं और किसानों को मिल की पर्ची का इंतजार है। किसानों के मुताबिक मिल से पर्ची नहीं मिलने से गन्ना ट्रालियों में लदा सूख रहा है। अब मिल उन्हें खरीद संबंधी पर्ची नहीं दे रहा है और आगे उन्हें लेबर नहीं मिलेगी। जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा। हालांकि, जिन किसानों ने अभी उपलब्ध लेबर को देखते हुए अपना गन्ना कटवा लिया है उन्हें अभी भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कटाई के बाद गन्ना सूखने लगता है। इस मामले में मिल प्रबंधन कदम उठाए जिससे किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।

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माजरी गांव के किसान मनप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह, नसीब सिंह, गुरजंट सिंह, गुरविद्र आदि ने बताया कि गन्ना मिल में किसानों को पर्ची देने की रफ्तार उम्मीद से बेहद कम है। मिल किसानों की परेशानी नहीं समझ रही है। अभी गन्ना कटाई के लिए मौसम अनुकूल है लेकिन आगे आगे चिलचिलाती धूप पड़ने वाली है। ऐसे मौसम में गन्ना कटाई के लिए लेबर नहीं मिलती है और अगर मिलती है तो अब के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है। जिससे किसानों को नुकसान है। बेशक मिल ने किसानों के साथ बांड किया हुआ है लेकिन किसान की मजबूरी भी समझी जाए। इस मामले में प्रशासन हस्तक्षेप कर मिल से किसानों को पर्ची दिलाने में मदद करे।


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