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माल रोड पर तनातनी : बोर्ड उपाध्यक्ष बोले विज आवास पर होगा फैसला, तिवारी के पलटवार के साथ बैठक से भाजपा पार्षदों का बायकाट

छावनी के माल रोड पर सिविलियंस एंट्री का विवाद फिर से गरमा गया है। रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा की दृष्टि से सिविलियंस के लिए रोड बंद करने का आदेश जारी किया है लेकिन कैंटोनमेंट बोर्ड में बोर्ड सदस्यों का समर्थन न मिलने के कारण अटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 02:20 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 02:20 AM (IST)
माल रोड पर तनातनी : बोर्ड उपाध्यक्ष बोले विज आवास पर होगा फैसला,
तिवारी के पलटवार के साथ बैठक से भाजपा पार्षदों का बायकाट
माल रोड पर तनातनी : बोर्ड उपाध्यक्ष बोले विज आवास पर होगा फैसला, तिवारी के पलटवार के साथ बैठक से भाजपा पार्षदों का बायकाट

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के माल रोड पर सिविलियंस एंट्री का विवाद फिर से गरमा गया है। रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा की दृष्टि से सिविलियंस के लिए रोड बंद करने का आदेश जारी किया है लेकिन कैंटोनमेंट बोर्ड में बोर्ड सदस्यों का समर्थन न मिलने के कारण अटक गया है। सदस्यों की सहमति के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड में बैठक बुलाई गई लेकिन मीडिया को इससे दूर रखा गया। कॉन्फ्रेंस रूम में होने वाली बैठक सीईओ के चेंबर में हुई। भाजपा पार्षदों ने भी मीडिया को दूर रखने पर आपत्ति न जता कर बैठक में हिस्सा लिया। करीब एक घंटे की गुफ्तगू के सभी पार्षद बैठक छोड़ कर मीडिया के सामने आए। बोर्ड उपाध्यक्ष अजय बवेजा ने कहा कि माल रोड की एंट्री बैन की बैठक अब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की कोठी पर होगी जबकि कांग्रेस के पार्षद एवं पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी ने अफसरों की बोली बोली। तिवारी बोले कि कैंटोनमेंट बोर्ड एक स्वतंत्र एजेंसी है और किसी राजनेता की कोठी पर इस तरह कोई भी मामला नहीं रखा जा सकता। यहां ये बता दें कि विज के आशीर्वाद से तिवारी बोर्ड उपाध्यक्ष बना था और बाद में वर्तमान उपाध्यक्ष अजय बवेजा से विवाद के चलते कुर्सी चली गई। अब मौजूदा समय में तिवारी कांग्रेस में है।

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बवेजा बोले, भाजपा सरकार ने दिया था तोहफा

बोर्ड उपाध्यक्ष अजय बवेजा ने कहा कि कई सालों बाद माल रोड की एंट्री खोल कर तोहफा मोदी सरकार ने दिया था। पिछली मी¨टग में भी दोबारा से माल रोड को बंद करने का एजेंडा रखा जाएगा। हमने मांग रखी थी कि इसमें पब्लिक ओपिनियन ली जाएं। लेकिन नया साल के बाद शनिवार शाम को फिर से मी¨टग रख दी गई। यहां आई तो मी¨टग में समझाने का प्रयास किया गया। बवेजा ने कहा कि हमने कहा कि यदि सुरक्षा का सवाल है तो चे¨कग की जाएं और ट्रैफिक व्यवस्था की जा सकती है और वह भी सहयोग देंगे। माल रोड को बंद न किया जाएं। बीते 8 माह में कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है जिससे यह कहा जाएं कि सुरक्षा के लिहाज से गलत है। हमारे पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। यदि हमारी बात नहीं सुनी गई तो हाईकोर्ट का रास्ता भी खुला है।

अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है

सीईओ वरुण कालिया पार्षदों के विरोध के बाद मीडिया से बातचीत कर अपना पक्ष रखा कि सेना के मुख्यालय के सामने का हिस्सा आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया है और अगली मी¨टग में इस मामले में जल्द ही रखी जाएगी। इसका निर्णय लेने से पहले एक पब्लिक नोटिस जारी होगा और जनता से भी उनकी आपत्तियां दर्ज की जाएगी। इसके बाद ही बोर्ड फैसला लेगा।

काली पलटन पूल का बदला जाए नाम

इस बैठक के दौरान काली पलटन पूल का नाम बदलने का मामला भी रखा गया है। पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी और वर्तमान उपाध्यक्ष अजय बवेजा ने कहा कि काली पलटन पूल अंग्रेजों के समय रखा हुआ था। हमारे देश में काले ही लोग नहीं रहते हैं। तिवारी ने मांग की है कि इस पूल का नाम किसी शहीद के नाम पर रखा जाएं।


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