इंजन नीलामी घोटाला में नए खुलासे से मचा बवाल, रेलवे की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
रेलवे इंजन नीलामी घोटाला में नए खुलासे से हड़कंप मच गया है। इस मामले में एक कथित ऑडियो सामने आया है, जिसमें अारोपित अफसरों को बचाने की बात की जा रही है।
अंबाला, [दीपक बहल]। नौ रेल इंजनों की नीलामी में हुए घोटाले के मामले में वायरल हो रहे एक कथित अॉडियो से बवाल मच गया है। इससे रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल पैदा हो गया है। आरोप लगाए जा रहे हैं लिप्त डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) सहित बड़े अफसरों को गिरफ्तारी से बचाने प्रयास हो रहे हैं। इसके लिए आला अधिकारियों द्वारा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पर दबाव डाला जा रहा है।
नौ रेल इंजनों की नीलामी घोटाले में रेल अफसर को बचाने के लिए दबाव बनाने का कथित ऑडियो वायरल
आरोप है कि रेलवे इंजनों की नीलमी में स्क्रैप की आड़ में तांबा और एल्यूमीनियम तक रेल अफसरों ने बेच डाला। करीब नौ लाख की रेल संपत्ति बरामद होने के बावजूद अफसरों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए दिल्ली मुख्यालय तक हस्तक्षेप में उतर आया है।
अब दिल्ली की एक आला अधिकारी द्वारा जांच अधिकारी को निर्देश देने वाले एक ऑडियो के लीक हो जाने के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है। यह ऑडियो रेल मंत्रालय और आरपीएफ के आला अफसरों तक भी पहुंचा। इसमें महिला अधिकारी यह कह रही है कि प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर (पीसीएससी) औप आइजी आरपीएफ के अप्रूवल के बिना डीएमई को गिरफ्तार नहीं करना है।
गिरफ्तारी से बचने आरपीएफ पर बढ़ाया जा रहा दबाव
ऑडियो के लीक होने के बाद रेलवे बोर्ड में महानिदेशक अरुण कुमार ने अंबाला, फिरोजपुर और दिल्ली के अफसरों को तलब कर सवाल-जवाब किए। इसके बाद फिरोजपुर के सीनियर डीएससी का तबादला कर तुरंत रिलीव होने के आदेश दे दिए गए। इस पूरे प्रकरण ने रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं। रेलवे अफसरों को गिरफ्तार करने की बजाय केस को कमजोर करने की भूमिका तलाशी जा रही है।
जांच अधिकारी को कह रहीं सीनियर कमांडेंट- पीसीएससी ने गिरफ्तारी से कर रखा है मना
बता दें कि जगाधरी वर्कशाप (हरियाणा) से कार्यमुक्त हो चुके नौ इंजनों की करीब 64 लाख रुपये की नीलामी की गई थी। इस नीलामी में महज स्क्रैप को बेचा जाना था। पंजाब के लुधियाना डीजल शैड में नौ इंजन खड़े थे जहां से इन्हें काटकर स्क्रैप दिया जाना था। इंजनों से निकलने वाला एल्यूमीनियम, तांबा और महत्वपूर्ण पार्टस को नहीं बेचा जाना था। 14, 17 व 18 दिसंबर को डीजल लोको शैड से स्क्रैप की आड़ में बेचे गए एल्यूमीनियम और तांबा तक लोड करके बेच दिया गया।
मंडी गोबिंदगढ़ में माल उतरते समय रेलवे की क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्रांच (सीआइबी) ने छापा मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद किसी रेल अधिकारी को गिरफ्तार नहीं करने दिया गया। इस घोटाले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया।
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इन 10 पर दर्ज है मुकदमा
आरपीएफ ने डीएमई अतुल कुमार, रेल अधिकारी एसके राठी, सीनियर सेक्शन इंजीनियर सत्येंद्र कुमार, रेल अधिकारी जेके श्रीवास्तव, गगनदीप स्टील इंडस्ट्री, कलीराम लालमणि, रवींद्र, रवीश और आरपीएफ एएसआइ प्रवीण कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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उत्तर रेलवे के आइजी संजय सांकृत्यायन से सवाल : इंजन नीलामी में हुए घोटाले में जांच को प्रभावित करने और गिरफ्तारी से रोकने के निर्देश से संबंधित ऑडियो वार्तालाप पर क्या कहेंगे?
- आइजी : घोटाले में जो भी लिप्त हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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रेलवे अधिकारी और आइओ (जांच अधिकारी) की कथित बातचीत के वायरल ऑडियो के अंश :
- अधिकारी: प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर (पीसीएससी) की अप्रूवल के बिना डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमइ) को छेड़ोगे नहीं, ठीक है...।
- आईओ : जी सर...।
- अधिकारी : पीसीएससी एग्री करेंगे क्योंकि उनका सिग्नेचर सिर्फ यही होता है कि हां ये डिलीवरी हुआ और ये ये लोग मौजूद थे...।
- आईओ : जैसा आप लोग कहेंगे वैसा ही होगा।
- अधिकारी : मेरे पास कुछ ही दिनों का चार्ज है। मेरे दौरान गैजेटड अफसर (जीओ) किसी को नहीं पकड़ोगे।
- अाईओ : ठीक है सर, हम लोग जाएंगे ही नहीं उधर को।
- अधिकारी : अगर जाना है तो पीसीएससी की अप्रूवलहोनी चाहिए। 31 को वो आ रहे हैं।
- आईओ: ठीक है सर, हम क्यों पकड़ेंगे। जब आप लोग कहेंगे नहीं पकड़ना तो रहने देते हैं उसको।
- अधिकारी: मुझे ये बताया गया है कि पीसीएससी ने मना किया हुआ है (गिरफ्तारी से)...।
आईओ : सर हम तो छोटे इंस्पेक्टर हैं। हम लोगों का इसमें कुछ नहीं है। जिसका नाम आया है हम नहीं पकड़ेंगे उतनी देर तक। जो उन्होंने करना है करते रहें।
- अधिकारी : नाम क्या है तुम्हारा।
- इस पर आईओ ने अपना नाम बताया।
- अधिकारी : बात करके तुम्हें बताती हूं। तुम किस दिन डीएमइ के खिलाफ एक्शन लेने वाले हो ये बता दो मुझे...।
- आईओ : सर अभी कुछ नहीं करने वाले। कुछ नहीं करने वाले...।
- अधिकारी: अच्छा ओके।