मजबूत इरादों से बढ़ाएं कदम, अब जीतने के लिए आसमान बाकी है..
सफलता के कदम चूमने के लिए इन खिलाड़ियों ने अपने मजबूत इरादों से कदम बढ़ाए। नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर जीत का दमखम दिखा अब आसमान जीतने की चाह है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : सफलता के कदम चूमने के लिए इन खिलाड़ियों ने अपने मजबूत इरादों से कदम बढ़ाए। नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर जीत का दमखम दिखा अब आसमान जीतने की चाह है। कुछ ऐसे ही छह खिलाड़ियों से बातचीत की, तो उत्साह, जज्बा दिखा और आगे जीत के लिए जुनून भी झलका। खेल विभाग ने छह खिलाड़ियों की सूची तैयार की है। उनमें से खिलाड़ियों का चयन किया जाना है, जिनको गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल से सम्मानित कराया जाएगा। दैनिक जागरण ने जब इनसे बातचीत की, तो इन खिलाड़ियों ने बता दिया कि हौसला और जज्बा कम नहीं है। कोई खेल के मैदान में अभी और चमकना चाहता है, तो कोई कोच की भूमिका में खिलाड़ियों को तराशने की तैयारी में हैं।
जूनियर वूमन एशियन बॉक्सिग चैंपियन कल्पना
कैंट के मेजर आरएन कपूर डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा कल्पना जूनियर वूमन एशियन बॉक्सिग चैंपियन तो हैं। साथ ही गुवाहाटी में चल रही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता है। मध्यम वर्गीय परिवार से इस बॉक्सर का पंच काफी मजबूत है और विरोधी को संभलने का मौका नहीं देता। इससे पहले उन्होंने यूएई में अक्टूबर, 2019 में हुई जूनियर वूमन एशियन बॉक्सिग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, जबकि सितंबर, 2019 में रोहतक में हुई जूनियर वूमन नेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।
हैंडबॉल में करियर बनाना चाहती हैं कोमल
जनवरी, 2019 में तेलंगाना में हुई स्कूल नेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाली कोमल इसी खेल में अपना करियर बनाना चाहती हैं। वे सेवा समिति स्कूल अंबाला छावनी में 10वीं की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि सातवीं कक्षा से ही इस खेल में अपना हाथ आजमाया और इसी में महारथ हासिल की। टीम में वे बैक (डिफेंस पोजीशन) पर खेलती हैं। उन्होंने कहा कि जब सिल्वर मेडल जीता तो परिवार को काफी खुशी हुई थी और अब आगे की तैयारियां कर देश के लिए खेलना चाहती हूं।
छोटी उम्र में है बड़े सपने मनरीत कौर के
अंबाला के सौंडा गांव की रहने वाली तीसरी कक्षा के छात्रा मनरीत कौर की उम्र बेशक छोटी है, लेकिन आंखों में सपने बड़े हैं। शहर के माइंड ट्री स्कूल में पढ़ने वाली मनरीत ने दूसरी कक्षा से ही वुशू में हाथ आजमाने शुरू कर दिया। उन्होंने नवंबर, 2019 में कोलकाता में हुई सब जूनियर नेशनल वूशू चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया। शाम के समय वुशू की प्रेक्टिस नहीं भूलतीं, जबकि सपना देश के लिए खेलना है।
देश के लिए बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करना चाहते हैं गौरव
लंदन में जुलाई, 2018 में हुई कूपर बॉक्स इंटरनेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता में भागीदारी करने वाले गौरव चौधरी जहां खुद बेहतरीन खिलाड़ी हैं, वहीं अब अपनी भूमिका खिलाड़ी के तौर पर नहीं, बल्कि कोच के तौर पर निभाना चाहते हैं। एसडी कालेज कैंट में बीपीएड की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खिलाड़ी के तौर पर बेशक उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब मकसद देश के लिए ऐसे खिलाड़ियों को तराशना है, जो देश को इंटरनेशनल लेवल पर पदक दिला सकें।
देश के लिए और मेडल जीतना चाहते हैं शिवम यादव
शहर के रहने वाले शिवम यादव ने हैंडबॉल में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए जून, 2019 में ल्यूबैक हैंडबॉल कप जर्मनी में ब्रांज मेडल जीता। इसके अलावा 2013 में नरवाना में हुई नेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल किया। इन दिनों से एसडी कालेज कैंट में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि उनका मकसद देश के लिए और पदक जीतना है। अभी जुनून कम नहीं हुआ, जबकि और मजबूती से आगे बढ़ना है।
देश के लिए खेलना चाहती हैं रेखा
कैंट की रहने वाली रेखा ने सितंबर, 2018 में सिरमौर हिमाचल प्रदेश में हुई जूनियर गर्ल्स नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। अब वे बीए सेकेंड ईयर की छात्रा हैं। उन्होंने कहा कि नौवीं कक्षा में थीं, जब हैंडबॉल गेम में हिस्सा लेना शुरू किया। सब जूनियर, जूनियर में भी खेली। मध्यम वर्गीय परिवार से रेखा का सपना है कि वे देश के लिए खेलें और भारत के लिए पदक जीतें।