स्टील घोटाला : 75 फीसद स्ट्रक्चर में कम निकला स्टील, कंपनी दो साल के लिए काली सूची में
जम्मू से कटरा के बीच हुए रेलवे विद्युतीकरण में अंडरवेट स्टील घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। रेलवे स्ट्रक्चर (पटरी किनारे लगे स्टील के खंभे जो बिजली की तारों को सपोर्ट करते हैं) में निर्धारित मानक से कम स्टील लगाने का दैनिक जागरण ने रहस्योद्घाटन किया था। अब रेल मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते 11 अगस्त 2020 को लिखित आदेश जारी कर अंडरवेट स्टील आपूर्ति करने वाली पंजाब की कंपनी को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
दीपक बहल, अंबाला
जम्मू से कटरा के बीच हुए रेलवे विद्युतीकरण में अंडरवेट स्टील घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। रेलवे स्ट्रक्चर (पटरी किनारे लगे स्टील के खंभे जो बिजली की तारों को सपोर्ट करते हैं) में निर्धारित मानक से कम स्टील लगाने का दैनिक जागरण ने रहस्योद्घाटन किया था। अब रेल मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते 11 अगस्त 2020 को लिखित आदेश जारी कर अंडरवेट स्टील आपूर्ति करने वाली पंजाब की कंपनी को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। हालांकि कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के बावजूद यात्रियों की सुरक्षा अब भी दांव पर है। पटरी किनारे अंडरवेट लगे स्टील स्ट्रक्चर को अभी भी बदला नहीं गया है।
रेल मंत्रालय की ओर से जारी लिखित आदेश में स्पष्ट हो गया है कि 75 फीसद स्ट्रक्चर में स्टील कम पाया गया है। रेलवे ने कांट्रेक्टर के डिपो पर जब जांच की तो यह सारा घोटाला सामने आ गया। जाचं में कटरा डिपो के तहत लगे 108 स्ट्रक्चर में से 82 स्ट्रक्चर अंडरवेट पाए गए। यह घोटाला रेल अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था। स्ट्रक्चर लगाने से पहले उसके वजन का प्रावधान है, लेकिन यहां नियम-कायदों को दरकिनार कर दिया गया।
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देश के कई हिस्सों में हुआ इस तरह का घोटाला
रेलवे में स्टील या फिर स्टील के स्ट्रक्चर की आपूर्ति करने का घोटाला सिर्फ जम्मू-कटरा में नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में हुआ है। जम्मू से कटरा के अलावा गाजियाबाद से मुरादाबाद, कोझिकोड से कन्नूर में भी इसी तरह अंडरवेट का मामला सामने आया था। दैनिक जागरण ने सभी सेक्शनों में हुए घोटाले का पर्दाफाश किया था। 24 फरवरी 2018 को दैनिक जागरण ने अफसरों ने दांव पर लगा दी यात्रियों की सुरक्षा, खंभों से घटाया स्टील शीर्षक से मामला उजागर किया था। इसके बाद मामला सीबीआइ तक भी पहुंचा।
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2.5 से 17.32 फीसद कम रहा स्टील
रेलवे स्ट्रक्चरों की जांच करने पर खुलासा हुआ कि इनमें स्टील का वजन मानकों से 2.5 से लेकर 17.32 फीसद तक कम था। रेल अफसरों की मिलीभगत से अंडरवेट की आपूर्ति लंबे समय से चल रही थी।
-------------- इस रूट से वैष्णो देवी जाते हैं लाखों श्रद्धालु
बता दें कि मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु रेलगाड़ियों से कटरा तक पहुंचते हैं। ऊधमपुर से कटरा तक प्रोजेक्ट इंजीनियरों के लिए बहुत बड़ी चुनौती था, क्योंकि यहां पर घुमावदार रास्ते और पहाड़ थे। ऊधमपुर से कटरा 25 किलोमीटर रेललाइन पर लगभग 1132.75 करोड़ रुपये की लागत आई थी। जुलाई 2014 को इस रेलमार्ग का उद्घाटन हुआ था। इसके बाद यहां पर विद्युतीकरण हुआ।
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दो साल के लिए किया बैन : वाईपी सिंह
केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन इलाहाबाद (कोर) के महाप्रबंधक वाईपी सिंह ने पुष्टि की है कि कंपनी को रेलवे बोर्ड ने दो साल के लिए बैन कर दिया है। पटरी किनारे लगे स्ट्रक्चर बदले जाएंगे या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला उनसे पहले का है।