स्पीड गवर्नर पर 31 अक्टूबर तक मिली छूट
हरीश कोचर, अंबाला : वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने का राज्य सरकार का फरमान ट्रांसपोर्टर
हरीश कोचर, अंबाला : वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने का राज्य सरकार का फरमान ट्रांसपोर्टरों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। आरटीए कामर्शियल वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने का दबाव बना रहे थे, लेकिन अब ट्रांसपोर्टरों को 31 अक्टूबर तक राहत मिल गई है। ट्रांसपोर्टरों के विरोध बाद मामला सड़क एवं परिवहन मंत्रालय तक पहुंच गया था जिसके बाद फिलहाल 31 अक्टूबर राहत दे गई है। ट्रांसपोर्टरों का तर्क है कि उनके वाहनों पर 2013 से स्पीड गवर्नर लगे हुए हैं तो अब दोबारा क्यों लगाएं। पुराने स्पीड गवर्नर को ही रिन्यू किया जाए। इसी प्रकार प्रदेश सरकार के कामर्शियल वाहनों पर ऑटो डिपर लगाने के आदेशों पर भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दो दिन पहले स्टे लगा दिया है।
बता दें वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कामर्शियल वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन भाजपा सरकार ने पुराने स्पीड गवर्नर उतारकर नई कंपनी के गवर्नर लगाने के लिए अपने चार कंपनियों का ठेका दिया था। ऐसे में सरकार के आदेशों पर परिवहन निदेशालय हरियाणा की ओर से दो माह पूर्व नए स्पीड गवर्नर लगाने लिखित आदेश जारी किए गए। साथ ही सभी जिलों में सरकार की ओर से बिना नए स्पीड गवर्नर के वाहनों की पा¨सग पर रोक लगी दी थी। ऐसे में सभी जिलों में ट्रांसपोर्टरों और कामर्शियल वाहन संचालकों ने इन आदेशों का विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद मामला जिले से निदेशालय और फिर सरकार के पास पहुंच गया। बाद में मामला सरकार के हाथों से निकलकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय तक पहुंच गया। ऐसे में मंत्रालय के आदेशों पर फिलहाल दो महीने के लिए स्पीड गवर्नर लगाने से राहत दे दी गई है।
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नए स्पीड गवर्नर में बढ़ाई स्पीड
वहीं कांग्रेस सरकार कार्यकाल के दौरान लगे स्पीड गवर्नर में वाहन की स्पीड केवल 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई थी। लेकिन सरकार ने जिन नई कंपनियों को ठेका दिया है उन्होंने इस बार वाहनों की स्पीड भी 60 के बजाए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की है। हालांकि आरटीए विभाग के कर्मचारी 60 किलोमीटर की रफ्तार से चलने पर भी वाहनों का चालान काट देते है।
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आटो डिपर पर हाईकोर्ट से मिली स्टे
उधर, सरकार की ओर से कामर्शियल वाहनों पर आटो डिप्पर लगाने का आदेश भी जारी किया गया है। आटो डिपर लगाने का फायदा रात के समय वाहनों की लाइट के चलते होने वाले हादसों को कम करने के लिए आदेश दिए गए है। ऐसे में करनाल, यमुनानगर और अंबाला के कुछ ट्रांसपोर्टरों की यूनियन की ओर से इससे छुटकारा पाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिलहाल कुछ समय के लिए छूट ले ली है। क्योंकि हाईकोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर फिलहाल पर स्टे लगा दी है।
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तीन महीने के लिए मिली छूट
मंत्रालय की ओर से फिलहाल तीन महीने के लिए छूट मिली है। 31 अक्टूबर के बाद सरकार जो आदेश देगी उसके मुताबिक आदेशों का पालन किया जाएगा।
दिनेश कुमार, एमवीआइ, आरटीए विभाग।