पंचकूला में मारे गए डेरा समर्थकों की याद में लगाई विशेष नामचर्चा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर पंचकूला में सीबीआई कोर्ट के फैसले के विरोध में डेरा स
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
पंचकूला में सीबीआई कोर्ट के फैसले के विरोध में डेरा समर्थकों की ¨हसा को पूरा एक साल बीत गया है। डेरा प्रमुख जेल में हैं लेकिन अधिकांश डेरा समर्थकों में डेरा प्रमुख के लिए आस्था में कमी नहीं आई है। जो डेरा समर्थक इस ¨हसा में मारे गए वह अब इन डेरा प्रेमियों की नजरों में शहीद हैं।
शनिवार को अंबाला शहर से सटे गांव धुरकड़ा स्थित नामचर्चा घर में इस ¨हसा में मारे गए डेरा प्रेमियों की याद में विशेष नाम चर्चा का आयोजन किया गया। सुबह के वक्त करीब डेढ़ घंटा विशेष नामचर्चा का आयोजन कर ¨हसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि व्यक्त की गई। शहर के वार्ड-10 स्थित जंडली के जिस युवक विनीत की इस ¨हसा में मौत हुई थी उसकी याद में 14 अगस्त को यहां क्रिसमस-ट्री लगाया गया है जिसे महान शहीद का दर्जा देने वाली एक पट्टिका लगाई है। इस पौधे पर डेरा समर्थकों ने फूल मालाएं चढ़ा कर मृतक को अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। जानकारी के मुताबिक जिस जिस जिले में जिस भी शख्स की मौत हुई उनकी नामचर्चा घरों में 14 अगस्त को ऐसे पौधे लगाए गए थे।
करीब छह माह पहले खुला गई थी डेरे की सील
पंचकूला ¨हसा के बाद इसे नामचर्चा घर को भी सील कर दिया गया था। हालांकि, करीब छह माह पहले इसे खोल दिया गया। तब से दोबारा से यहां डेरा समर्थकों की चहल पहल है। रविवार को यहां नामचर्चा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जन्मदिन, डेरा के पहले शाह मस्ताना व गुरु शाह सतनाम के जन्मदिवस पर भी यहां विशेष नाम चर्चा का आयोजन होता आया है। अब 25 अगस्त की ¨हसा की याद में विशेष नाम चर्चा शुरू हो गई है।
तिरपाल से ढके खड़े हैं डेरा प्रमुख के वाहन
डेरा ¨हसा के दौरान धुरकड़ा का डेरा डेरा प्रेमियों के ठहराव का विशेष स्थान था। पंचकूला सीबीआइ कोर्ट के फैसले के वक्त यहां सैकड़ों श्रद्धालु एकजुट हुए थे। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ¨सह की कार व एक ट्रक भी यहां खड़ा किया गया था। जो आज भी यहां मौजूद है और डेरा समर्थकों ने इन वाहनों को तिरपाल से ढका हुआ है।
मीडिया पर डेरा समर्थकों का गुस्सा बरकरार
पंचकूला ¨हसा में मीडिया कवरेज को लेकर डेरा समर्थकों में आज भी मीडिया के लिए गुस्सा कम नहीं है। शनिवार को भी जब संवाददाता ने नामचर्चा घर की दिनचर्या व विशेष नामचर्चा को लेकर बात करनी चाही तो डेरा समर्थक महिलाओं एवं पुरुषों का कहना था कि वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। मीडिया ने उनके गुरु के बारे में जो दिखाया है वह ठीक नहीं था।