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नानी के सामने पकौड़े बनाने को कहासुनी, बेटे ने लगाया फंदा तो मां ने सल्फास खाकर दी जान

पकौड़े बनाने को लेकर मां-बेटे के बीच कहासुनी हो गई। शायद मां को भी नहीं पता था कि उसका बेटा पकौड़े नहीं बनाने पर रूठकर अपनी जान ही दे देगा। वहीं बेटे की मौत का गम मां भी नहीं सहन कर सकी तो उसने गेहूं की टंकी में रखी सल्फास की गोलियां खा ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 01:24 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 01:24 AM (IST)
नानी के सामने पकौड़े बनाने को कहासुनी, बेटे ने लगाया फंदा तो मां ने सल्फास खाकर दी जान
नानी के सामने पकौड़े बनाने को कहासुनी, बेटे ने लगाया फंदा तो मां ने सल्फास खाकर दी जान

संवाद सहयोगी, शहजादपुर: पकौड़े बनाने को लेकर मां-बेटे के बीच कहासुनी हो गई। शायद मां को भी नहीं पता था कि उसका बेटा पकौड़े नहीं बनाने पर रूठकर अपनी जान ही दे देगा। वहीं बेटे की मौत का गम मां भी नहीं सहन कर सकी तो उसने गेहूं की टंकी में रखी सल्फास की गोलियां खा ली। यह दर्दनाक घटना शहजादपुर से बपौली रोड पर स्थित एक मकान में शनिवार देर शाम को हुई। दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले सचिन ने फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली जबकि बेटे का शव देख मां ने गोलियां खाकर जान दे दी। फिलहाल पुलिस ने दोनों की मौत के मामले में इत्तेफाकिया हादसे की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। मां-बेटे की मौत के बाद अब घर में केवल उनका पिता ही रह गया है।

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पकौड़े बनाने को लेकर हुई कहासुनी

हुआ यूं कि मूलरूप से मघ्घरपुरा गांव निवासी मदन लाल ने कुछ समय पूर्व बपौली रोड पर ही अपना नया मकान बनाया है। सड़क पर ही दो दुकानें बनाई हुई है जिसमें एक दुकान पर उसकी पत्नी अनिता चूड़ियां बेचने और दूसरी में उसने खुद करियाना का काम किया हुआ है। उनका बेटा सचिन दसवीं कक्षा शहजादपुर में पढ़ता था। शनिवार शाम को करीब छह बजे सचिन ने अपनी मां को पकौड़े बनाने के लिए कहा। लेकिन उसकी मां ने मना कर दिया। सचिन ने घर में मौजूद अपनी नानी के सामने अपनी मां को कहा कि पकौड़े बनाने के बाद वह खुद बर्तन भी साफ कर देगा। आप चाय बनाकर दुकान पर पापा के पास ले जाओ। लेकिन दोनों के बीच काफी कहासुनी हो गई।

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दीवार फांदकर देखा तो लटका मिला शव

इसके बाद अनिता व उसकी मां चाय बनाकर दुकान पर चले गए। इसके बाद सचिन अपने कुत्तों को घुमाने ले गया और कुछ देर बाद ही वापस घर आ गया। उसने गेट पर अंदर से कुंडा लगाकर कमरे में फंदा लगा अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। कुछ देर बाद ही जब मां-बेटी वापस घर पहुंचे तो उन्होंने गेट अंदर से लगा देखा। पड़ोस के एक व्यक्ति ने दीवार फांदी और अंदर कमरे में गया तो फंदे पर शव लटका देखा। आनन-फानन में शव को फंदे से नीचे उतारा गया और उसकी मां व नानी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

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सल्फास की गोलियां खाकर दी जान

आस पड़ोस के लोगों ने सचिन के पिता को भी दुकान से बुलाया और उसे लेकर शहजादपुर सीएचसी में पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, घर पर केवल सचिन की मां अनिता अकेली रह गई थी। उसने भी घर में ही अनाज की टंकी में रखी सल्फास की गोलियां निकालकर निगल ली। परिजन सचिन के शव को मोर्चरी में रखकर वापस घर पहुंचे तो अनिता को तड़पता देखा। उसे भी तुरंत शहजादुपर सीएचसी में लाया गया जहां से उसे गंभीर हालत में जिला नागरिक अस्पताल अंबाला शहर रेफर कर दिया। देर रात को ही इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। पिता अभी बेटे की मौत का ही सदमा सहन नहीं कर पा रहा था कि पत्नी की मौत का पता चलते ही उस पर एक और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह हिम्मत हार गया और आंखों से आंसू तक सूख गए।

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मां-बेटे में पहले भी हो चुकी थी कहासुनी

वहीं, मां-बेटे में किसी बात को लेकर कहासुनी होने का यह पहला मामला नहीं था। इससे पहले भी दोनों के बीच कई बार विभिन्न कारणों से कहासुनी हो चुकी थी। यहां तक बेटे ने तो एक-दो बार अपनी मां पर हाथ तक उठा दिया था। इसके बाद यह मामला गांव की पंचायत के पास भी पहुंचा था। सरपंच मलकीत ¨सह ने बताया कि गांव में पहली बार इस तरह की घटना हुई है। कहा कि दोनों में पहले भी कई बार कहासुनी हुई है और उनकी पंचायत के सदस्यों ने बेटे को समझाया भी है। लेकिन अब दोनों ने यह कदम क्यों उठाया, कुछ समझ नहीं आया।


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