बगावत पर उतरीं कुछ शिक्षिकाएं, कॉल कर अभिभावकों को फिर दिए सुझाव
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के कान्वेंट आफ सेक्रेट हार्ट स्कूल को किसी अन्य स्कूल में
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के कान्वेंट आफ सेक्रेट हार्ट स्कूल को किसी अन्य स्कूल में मर्ज करने की अफवाहों पर विराम लगने के बावजूद कुछ शिक्षिकाएं बगावत पर उतर आई हैं। शिक्षकों ने एक-एक अभिभावक को कॉल कर सुझाव दिया कि वे अपने बच्चों सद्दोपुर स्थित स्कूल में दाखिला दिलवाएं। रविवार को सुबह दस से बारह बजे तक सद्दोपुर के स्कूल में पहुंचने के लिए भी कहा गया है। इतना ही नहीं अभिभावकों के मोबाइल पर अब मैसेज भी आने आरंभ हो गए हैं। सैकड़ों अभिभावक फिर से असमंजस में आ गए हैं कि आखिर वह क्या करें। कुछ अभिभावकों ने जाने से साफ इंकार कर दिया तो कुछ ने हामी भर दी है। अब रविवार को स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट होगी कि ऊंट किस करवट बैठता है। शनिवार को भी कान्वेंट आफ सेक्रेट हार्ट स्कूल में अभिभावकों का आना-जाना जारी रहा।
बता दें कि कान्वेंट आफ सेक्रेट हार्ट स्कूल से अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर शुक्रवार को स्कूल में आपात बैठक बुलवाई गई थी। बैठक में कारण स्पष्ट नहीं किए गए थे। सैकड़ों अभिभावक स्कूल पहुंचे और पांच घंटे तक जमकर बवाल काटा। कुछ शिक्षकों और अभिभावकों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। अभिभावकों को सद्दोपुर स्थित स्कूल में बच्चों को बिना दाखिला फीस के ही एडमिशन दिलवाने का सुझाव दिया गया और स्कूल में प्रोजेक्टर पर दूसरे स्कूल की खूबियां भी बताई। स्कूल बंद नहीं होगा, इस आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया। इसके बावजूद अभिभावकों के मन में सवाल रह गए कि आखिर ऐसा क्यों किया गया। अभिभावकों को बुलवाने का मकसद आखिर क्या था?
सूत्रों के अनुसार शनिवार को भी स्कूल में अभिभावकों का आना-जाना लगा रहा। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते। अभिभावकों को दूसरे स्कूल में दाखिला दिलवाने का सुझाव फिर से दिया गया। कुछ शिक्षिकाएं बगावत पर उतरीं और बाद में अभिभावकों को मोबाइल पर कॉल कर सद्दोपुर में रविवार को दस बजे पहुंचने के लिए कहा गया। जो अभिभावक मना भी कर रहे थे उन्हें भी जाने के लिए प्रार्थना की जा रही है।
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अभिभावकों को पत्र भेजने का बदली रणनीति
सूत्रों के मुताबिक स्कूल की ओर से अभिभावकों के घर एक पत्र भेजने की रणनीति बनाई गई थी लेकिन उसे बदल दिया गया। शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी वे खुद एक-एक अभिभावक को समझाएं और जाने के लिए मनाएं। जो जिस क्लास को पढ़ा रहीं हैं वे उसी क्लास के अभिभावकों को कॉल कर रहे हैं। रविवार को अब स्पष्ट होगा कि कितनी शिक्षकें अपने मकसद में कामयाब हो पाई हैं।
----------------------- सोशल मीडिया पर भी जारी है प्रचार
यह प्रकरण सोशल मीडिया पर भी छाया रहा। कुछ छात्रों ने भी शिक्षकों के कहने पर सोशल मीडिया पर भी स्कूल का मामला उठाया। शिक्षकें भी छात्रों को वाट्सएप ग्रुपों में मैसेज कर दूसरे स्कूल में जाने के लिए मना रही हैं। इतना ही नहीं सद्दोपुर स्कूल में कितनी फीस ली जाएगी, इसका भी प्रचार सोशल मीडिया पर किया जा रहा।