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सरकार किसी की सुनकर नहीं राजी, बदलना पड़ेगा उनका वक्त : कुलभूषण

सरकार किसी की सुनकर नहीं राजी बदलना पड़ेगा उनका वक्त कुलभूषण

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 06:30 AM (IST)
सरकार किसी की सुनकर नहीं राजी, बदलना पड़ेगा उनका वक्त : कुलभूषण
सरकार किसी की सुनकर नहीं राजी, बदलना पड़ेगा उनका वक्त : कुलभूषण

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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खट्टर साहब किसी की नहीं सुनते। वह अपने मन की बात तो कह देते हैं लेकिन हमारे मन की बात कोई सुनने को तैयार नहीं हैं। मुझे लगता है कि अब उनका ही वक्त बदलना पड़ेगा। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगले चुनाव में हमसे उम्मीद न करें। सरकार हमें शिक्षक ही रहने दे। चाणक्य बनने पर मजबूर न करें। यदि सरकार सही है तो चाहे शिक्षा मंत्री आ जाएं या फिर मुख्यमंत्री और खुले मंच पर बहस करें। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं नेशनल इंडीपेंडेंट एलांयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने अंबाला शहर में प्रदेशभर से आए शिक्षकों, स्कूल संचालकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। वह शिक्षा बचाओ रैली में बोले रहे थे। रैली में अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, पंचकूला, जींद, सिरसा व फतेहाबाद, यमुनानगर से 6 हजार से ज्यादा शिक्षक व स्कूल संचालक पहुंचे थे। अंबाला की बात करें तो पिछले दो साल के भीतर अंबाला की यह सबसे बड़ी रैली रही। इससे पहले कुरुक्षेत्र प्राइवेट स्कूलों के प्रधान कर्म ¨सह ने कहा कि प्राचीन काल में शिक्षा में असुर विघ्न डालते थे अब वही काम सरकारें कर रही हैं। इसीलिए ऋषि-मुनी श्राप देते थे। हमने भी तंग आकर सबसे पहले हमने चौटाला सरकार बदली थी जोकि आज तक नहीं आई। इसके बाद हुड्डा सरकार ने काम किए लेकिन बाद में उन्होंने भी हमें तंग करना शुरू कर दिया था। इसीलिए उनका भी नंबर लगाना पड़ा। अब यही हाल भाजपा सरकार के आ गए हैं। मौके पर उप प्रधान बंसीलाल कपूर, जो¨गद्र ढुल, अमित मेहता, एचआर संघेड़ा, पंचकूला से श्रीचंद, प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर, कुरुक्षेत्र से कर्म ¨सह, कैथल से वरुण जैन, करनाल से संजय पठानिया, जींद से अरुण खरब, सिरसा से पंकज, पानीपत श्रीनिवास मित्तल, रोहतक विजय टटोली, गुरुग्राम दिनेश जोशी, अंबाला एएस महाजन, विशाल चुघ, ज्योत्सना सचदेवा, उमा शर्मा, रीटा मुजाल, हरपाल ¨सह, विक्रांत अग्रवाल, अजय खटकर, मास्टर ओमप्रकाश सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

ब्रिज कोर्स और बसों पर पैसेंजर टैक्स में दी जाए छूट

मांगों का जिक्र करते हुए कुलभूषण शर्मा ने कहा कि 4 साल के अनुभव वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित और अनुभव वाले शिक्षक माना जाए और ब्रिज कोर्स की शर्त हटाई जाए। बच्चों के लिए सुरक्षा एक्ट बनाने के साथ साथ स्कूल सुरक्षा एक्ट बनाया जाए, ताकि बच्चों के साथ साथ वहां पर काम करने वाले शिक्षक व अन्य स्टाफ भी खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। हर बच्चे को 3000 रुपए महीना कैश वाउचर दिया जाए, ताकि अभिभावक हक के साथ बच्चों को निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाए, तो वहीं जब वाउचर देगी तो शिक्षकों को भी अच्छी सेलरी मिलेगी और क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध हो पाएगी। वहीं प्राइवेट स्कूलों की बसों पर लगने वाले पैसेंजर टैक्स को भी हटाया जाए। 134 ए के तहत जिन बच्चों को दाखिला दिया गया है। उनका रिइंब्रसमेंट उपलब्ध कराया जाए।


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