छावनी बस स्टैंड : टिकट बुकिग के छह काउंटर, पांच बदहाल
अंबाला छावनी बस स्टैंड पर बने टिकट बुकिग काउंटर व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी बस स्टैंड पर बने टिकट बुकिग काउंटर व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं। लाखों रुपये की लागत से बने यह काउंटर अब बंद पड़े हैं और इनका इस्तेमाल मात्र वाहन पार्किंग या फिर बस अड्डे के दुकानदारों द्वारा किया जा है। हालांकि इन पर लिखा है कि किस काउंटर पर किस रूट की बस के लिए टिकट मिलेगा, लेकिन सालों गुजरने के बाद तो विभाग ने सकी सुध ली और न ही यात्रियों को सुविधा मिली। यह मात्र अब शोपीस बनकर रह गए हैं। अधिकारी भी मानते हैं कि इनको शुरू किया जाना चाहिए, लेकिन सारा मामला कर्मचारियों पर डाल रहे हैं। काउंटर से टिकट लेने के बाद बस में यात्री चढ़ते, जबकि इससे परिचालक व यात्रियों को भी आसानी होती है। लंबी दूरी की बसों के लिए काउंटर से ही यात्री को सीट नंबर भी दिया जाता है।
यह है स्थिति
अंबाला छावनी बस स्टैंड पर रोडवेज विभाग की ओर टिकट बुकिग के लिए छह काउंटर बनाए थे। इन सभी काउंटर पर यात्रियों को टिकट देने की व्यवस्था दी गई थी। किस रूट पर दौड़ने वाले बसों की टिकट किस काउंटर पर मिलेगी यह भी लिखा गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि इन छह काउंटर में से मात्र एक काउंटर पर ही टिकटें यात्रियों को दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पूरे उत्तर भारत को इस बस अड्डे से बसों का आवागमन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में यात्री आवाजाही करते हैं। बावजूद इसके टिकट बिक्री के लिए बनाए गए यह काउंटर बंद पड़े हैं।
बैठने लायक नहीं बचे काउंटर
यह काउंटर अब बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हैं। इनकी न तो कभी सफाई होती है और न ही इन पर कभी कर्मचारी बैठते हैं। बीच में कभी कभार कर्मचारियों ने इन काउंटरों पर बैठकर टिकटें काटी, लेकिन अब कई साल बीत चुके हैं, यह काउंटर अब सूने पड़े हैं। इन काउंटर में कहीं पर दुकानदार अपना सामान रख रहे हैं, तो कोई अपनी साइकिल आदि खड़ी कर रहा है। लाखों रुपये की लागत से बने यह काउंटर अब मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं।
वर्जन
यह सही है कि काउंटर बंद पड़े हैं, लेकिन इनकी व्यवस्था भी बनाई जाएगी। साफ सफाई करवाकर इन काउंटर पर टिकट बिक्री शुरू करवाएंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए यह बने हैं, जबकि जल्द ही इनको शुरू कराया जाएगा।
- रामरतन शर्मा, प्रबंधक बस अड्डा छावनी
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