सेवा ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म होता है: राधेश्याम
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के प्रीत नगर स्थित शिव मंदिर में श्री शिव महापुराण कथा ज्ञा
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के प्रीत नगर स्थित शिव मंदिर में श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन सोमवार ग्यारह रूद्र अवतारों के अंतर्गत हनुमत अवतार पर चर्चा की गई। कथावाचक महंत राधेश्याम ने कहा कि सेवा धर्म सबसे बड़ा धर्म है। सेवा करने के लिए ही शिव हनुमान बनकर आये और भगवान श्री राम की ऐसी सेवा की कि सदा-सदा के लिए ऋणी हो गये। वरदान देते हुए कहा कि कलयुग में शिवजी का पूजन दो स्वरूपों में विशेष फलदायी होगा, एक शिव¨लग और दूसरा बाला। दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर राधेश्याम से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार ईश्वर के दो रूप हैं, एक साकार और दूसरा निराकार। निराकार तो कण-कण में व्याप्त रहते हुए स्वयं इस त्रिलोकी को चलाते हैं। जबकि साकार रूप का मुख्य प्रयोजन राक्षस संहार धर्म रक्षा हेतु प्राणियों पर क्रिया करना होता है। समाप्ति पर अशोक शर्मा एवं मधु शर्मा परिवार ने विधि-विधान से पूजा करवाई व भक्तों के लिए प्रसाद बांटा। इस मौके पर प्रधान विनोद कौशिक, महासचिव सीआर शर्मा, उपप्रधान एमएल कपूर, कोषाध्यक्ष विनोद सपरा, कार्यकारिणी सदस्य राजीव शर्मा, प्रो. अशोक शर्मा, रा¨जद्र शर्मा, अजय गुप्ता, नादरा, एमएम गोयल आदि मौजूद रहे।