स्क्रैप ले जाने में हुआ खेल, 64 लाख की नीलामी में रेल अफसरों को 10 लाख का चढ़ावा
रेलवे के नौ इंजनों की करीब 64 लाख की नीलामी में रेल अफसरों को करीब 10 लाख रुपये दिए जाने थे।
अंबाला [दीपक बहल]। रेलवे के नौ इंजनों की करीब 64 लाख की नीलामी में रेल अफसरों को करीब 10 लाख रुपये दिए जाने थे। स्क्रैप की आड़ में रेलवे का तांबा, एल्यूमीनियम समेत अहम पुर्जों को बेच दिया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ स्थित गगनदीप स्टील इंडस्ट्री के स्टोर में गत दिवस भी रेलवे की क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्रांच (सीआइबी) ने डेरा डाले रखा। करीब 1200 किलो रेल संपत्ति और बरामद हुई है।
अंबाला के सीनियर कमांडेंट (आरपीएफ) कमलजोत बराड़ ने स्टोर का मुआयना कर बरामद संपत्ति का मुआयना किया। इंजनों की नीलामी का यह माल तीन चक्कर में लुधियाना डीजल लोको शेड से मंडी गोबिंदगढ़ पहुंचा। तीनों आरोपित लालमणि, रविंद्र और रवीश को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया गया है।
दैनिक जागरण ने मामले को 21 दिसंबर को उजागर किया था। लुधियाना डीजल लोको शेड में स्टॉक को सत्यापित करने के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटी की देखरेख में नौ इंजनों का स्क्रैप ट्रक में लोड किया गया। 15 टन 500 किलो स्क्रैप में एक टन 50 किलो तांबा और एल्यूमीनियम था। वीरवार को आरपीएफ सरङ्क्षहद ने इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह है मामला
लुधियाना लोको शेड में नौ इंजनों को कंडम घोषित किया गया था। जगाधरी रेलवे वर्कशॉप में ऑनलाइन इन इंजनों की नीलामी की गई थी। गगनदीप स्टील इंडस्ट्री ने करीब 64 लाख रुपये में इंजन का स्क्रैप खरीदा था। मैकेनिकल विभाग की ओर से लिख कर दिया गया था कि इंजन में से एल्यूमीनियम, तांबा, व्हील के स्प्रिंग जैसे अहम सामान को रेलवे स्टोर में जमा कराना है। इसके बावजूद स्क्रैप से तांबा-एल्यूमीनियम को हटाया नहीं गया।
नीलामी में खरीदा गया स्क्रैप पहला चक्कर लुधियाना से 14 दिसंबर को मंडी गोबिंदगढ़ स्टोर पहुंचा। इसके बाद 17 और 18 दिसंबर को भी इसी तरह लुधियाना से रेलवे अफसरों की निगरानी में माल लोड कर स्टोर में पहुंचाया गया। इस स्क्रैप में अब तक करीब 10 लाख रुपये की रेल संपत्ति बरामद हो चुकी है, जो कबाड़ की आड़ में बेच दी गई थी। अभी भी स्टोर में सर्च अभियान जारी है।
बरामद सामान पर लिखे हैं रेलवे के कोड
बरामद की गई रेल संपत्ति पर रेलवे के कोड लिखे हैं। यह संपत्ति ट्रक में योजना के तहत स्टोर में लाई जाती थी। लुधियाना से दो नंबर में लाई गई रेल संपत्ति के ऊपर स्क्रैप की बड़ी-बड़ी शीट रख दी जाती थीं, ताकि चेकिंग में कोई इन्हें उठाए नहीं। सीआइबी के इंस्पेक्टर सुखदेव राज को इस जालसाजी की सूचना मिली। इसके बाद उन्होंने सीनियर कमांडेट को जानकारी देकर कार्रवाई को आगे बढ़ाया। हालांकि लुधियाना के डीजल लोको शेड के अधिकारी अब भी अपने यहां से सब माल ठीक तरीके से निकलने का दावा कर रहे हैं, जबकि आरपीएफ ने भारी मात्रा में रेल संपत्ति बरामद की है।
इन अफसरों के हस्ताक्षर के बाद निकला ट्रक
स्टॉक की वेरिफिकेशन के बाद ही ट्रक लोको शेड से निकाला गया था। इसमें डीएमई अतुल कुमार, रेल अधिकारी एसके राठी, जेके श्रीवास्तव, सीनियर सेक्शन इंजीनियर सत्येंद्र कुमार, गगनदीप स्टील इंडस्ट्री के मालिक और कलीराम हस्ताक्षर हैं। आरपीएफ ने उक्त सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।