कोरोना काल में साइंस इंडस्ट्री को शिक्षण संस्थान खुलने का इंतजार
कोरोना काल में जबरदस्त मंदी झेल रही अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को संजीवनी की दरकार है। यह संजीवनी शिक्षण संस्थान खुलने के साथ ही उसे मिल सकती है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : कोरोना काल में जबरदस्त मंदी झेल रही अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को संजीवनी की दरकार है। यह संजीवनी शिक्षण संस्थान खुलने के साथ ही उसे मिल सकती है। लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हैं कि अभी स्कूलों को लेकर सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। लॉकडाउन से लेकर अब तक स्कूलों को लेकर निर्देश तो जारी किए गए हैं, जबकि मौजूदा वक्त में 26 जुलाई तक स्कूल व कालेज बंद हैं।
अब कारोबारियों की नजर इस पर है कि शिक्षण संस्थानों को लेकर सरकार अब क्या निर्णय लेती है। यदि संस्थान खुल जाते हैं, तो साइंस इंडस्ट्री को संजीवनी मिल जाएगी और माना जा रहा है कि कारोबारियों को भी अच्छा खासा बूस्ट मिल जाएगा। दूसरी ओर विदेशों से नए आर्डर नहीं मिल रहे हैं, जबकि पुराने आर्डर ही हैं। ऐसे में अब इंडस्ट्री को इंतजार है कि स्कूल कालेज अब खुलेंगे या नहीं।
उल्लेखनीय है कि अंबाला में करीब डेढ़ हजार छोटी बड़ी साइंस इकाइयां हैं। करीब दो हजार करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर है। मार्च माह से ही साइंस इंडस्ट्री मंदी का दौर देख रही है, जबकि यह स्थिति पहली बार साइंस इंडस्ट्री के सामने है। इन दिनों हालात काफी मंदी वाले हैं। मार्केट में काम काफी कम है। यदि शिक्षण संस्थान खुल जाते हैं, तो इंडस्ट्री को काफी बूस्ट मिलेगा। अब इंतजार है कि शिक्षण संस्थान खुलते हैं या नहीं।
- अरुण कुमार, महासचिव, सामा, अंबाला छावनी अंबाला की अधिकतर साइंस इंडस्ट्री शिक्षण संस्थानों पर ही टिकी है। यदि स्कूल कालेज आदि खुल जाते हैं, तो इंडस्ट्री को संजीवनी मिल जाएगी। करीब 60 परसेंट मार्केट संभल जाएगी।
- चरणजीत सिंह, साइंस कारोबारी, अंबाला छावनी