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फीस को लेकर आई शिकायत तो स्कूलों पर लगेगा अच्छा खासा जुर्माना

हरियाणा स्कूल एजुकेशन (अमेंडमेंट) रूल 2021 के तहत सरकार ने मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर जहां शिकंजा कसा है वहीं शिकायत के मामले में भी काफी सख्ती की है। इसके लिए फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया गया है जो फीस को लेकर आने वाली शिकायतों का निपटारा करेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 09:57 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 09:57 PM (IST)
फीस को लेकर आई शिकायत तो स्कूलों पर लगेगा अच्छा खासा जुर्माना
फीस को लेकर आई शिकायत तो स्कूलों पर लगेगा अच्छा खासा जुर्माना

जागरण संवाददाता, अंबाला : हरियाणा स्कूल एजुकेशन (अमेंडमेंट) रूल 2021 के तहत सरकार ने मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर जहां शिकंजा कसा है, वहीं शिकायत के मामले में भी काफी सख्ती की है। इसके लिए फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया गया है, जो फीस को लेकर आने वाली शिकायतों का निपटारा करेगी। यदि कोई इस में स्कूल नियम तोड़ते हुए पाया गया तो उस पर अच्छा खासा जुर्माना लगाने का प्रविधान किया है। इस में विभिन्न स्तर पर अलग-अलग जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि स्कूलों को भी अब और सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि एक चूक उनको इस कमेटी में लाकर खड़ा कर सकती है।

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उल्लेखनीय है कि सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को एक तय नियम के अनुसार ही फीस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खास है कि महंगाई दर के अलावा पांच प्रतिशत की दर से फीस को बढ़ाया जा सकता है, जबकि फीस भी एनुअल चार्ज और फीस भी मासिक, द्विमासिक या त्रैमासिक ही ली जा सकेगी। इसके अलावा फीस कैश में लेने पर प्रतिबंध है। अब इसी को लेकर अभिभावक मान रहे हैं कि इससे कुछ खास बदलने वाला नहीं है। लेकिन यदि फीस को लेकर कोई शिकायत अभिभावकों की ओर से फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी के पास आती है, तो स्कूल के लिए परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। इस में स्कूल व अभिभवकों की सुनवाई करने के साथ ही जांच होगी। इस में कमेटी स्कूल से प्रमाणपत्र मांग सकती है कि फीस को लेकर तो नियम तय किए गए हैं, उससे अधिक फीस वसूली नहीं जा रही है। इसमें यदि स्कूल अधिक फीस वसूलता पाया जाता है, तो उस पर जुर्माने की कार्रवाई होगी।

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इस तरह से होगी कार्रवाई - फीस को लेकर पहली बार नियम तोड़ने पर प्राइमरी स्तर पर तीस हजार रुपये तक, मिडल स्तर पर पचास हजार और सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर एक लाख रुपये

- फीस को लेकर दूसरी बार नियम तोड़ने पर प्राइमरी स्तर पर साठ हजार रुपये तक, मिडल स्तर पर एक लाख रुपये और सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर दो लाख रुपये

- फीस को लेकर तीसरी बान नियम तोड़ने पर कमेटी शिक्षा निदेशक को स्कूल की मान्यता रद करने की सिफारिश कर सकती है। निदेशक को तय समय सीमा में स्कूल का पक्ष सुनने और जांच करने के बाद स्कूल की मान्यता रद कर सकता है।

- इसके बाद निदेशक के निर्देशों के विरुद्ध स्कूल अतिरिक्त मुख्य सचिव अथवा मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के पास भी अपील कर सकता है


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