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प्राइवेट ट्रेनों को दौड़ाने का रूट तय, रेल मंत्रालय ने 7 तक मांगे सुझाव

भारतीय रेल ने 109 रूटों पर चलने वाली 150 प्राइवेट ट्रेनों का रूट तैयार कर देशभर के अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 08:04 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 08:04 AM (IST)
प्राइवेट ट्रेनों को दौड़ाने का रूट तय, रेल मंत्रालय ने 7 तक मांगे सुझाव
प्राइवेट ट्रेनों को दौड़ाने का रूट तय, रेल मंत्रालय ने 7 तक मांगे सुझाव

दीपक बहल, अंबाला

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भारतीय रेल ने 109 रूटों पर चलने वाली 150 प्राइवेट ट्रेनों का रूट तैयार कर देशभर के अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। रेल मंत्रालय ने 27 जुलाई को लिखित आदेश और फिर 31 को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्राइवेट ट्रेनों के संचालन, संरक्षा, वाशिग और जिन रूटों पर दौड़ेंगी वहां पर पहले या उस समय कौन सी ट्रेन चल रही है, इसकी टाइमिग को लेकर सुझाव मांगे हैं। इन स्पेशल ट्रेनों के पटरी पर उतरने के बाद मौजूदा समय में चल रहे ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव होगा। हरियाणा और पंजाब से भी 18 रूटों पर ये ट्रेनें दौड़ेंगी। इनमें प्रतिदिन दौड़ने वाली ट्रेनें भी शामिल हैं, जिनमें दैनिक और साप्ताहिक ट्रेन भी हैं। इस संबंध में अधिकारियों को सात अगस्त तक अपने सुझाव रेल मंत्रालय को भेजने हैं।

इन प्राइवेट ट्रेनों में नई दिल्ली से अमृतसर दो ट्रेन, नई दिल्ली से चंडीगढ़ तीन ट्रेन, लखनऊ से कटरा के लिए दो ट्रेन, अमृतसर से फरीदाबाद दो ट्रेन, वाराणसी से बठिडा दो ट्रेन, नागपुर से चंडीगढ़ दो ट्रेन, भोपाल से मुंबई दो ट्रेन, भोपाल से पूना दो ट्रेन शामिल हैं। इसके अलावा नई दिल्ली से ऋषिकेश दो ट्रेन, इंदौर से दिल्ली दो ट्रेन, नई दिल्ली से वाराणसी दो ट्रेन, आनंद विहार से दरभंगा दो ट्रेन, आनंद विहार से बड़गाम तक दो ट्रेन, लखनऊ से दिल्ली दो ट्रेन आदि शामिल हैं। इन डेढ़ सौ ट्रेनों से देश के सभी प्रमुख स्टेशनों को जोड़ दिया गया है। इन ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी। इसलिए रेल अधिकारियों से पूछा गया है कि वह अपने सेक्शनों में टाइम जांच लें। हर सात हजार किलोमीटर पर इन ट्रेनों की संरक्षा को देखते हुए जांच की जाएगी। प्रत्येक ट्रेन में 16 डिब्बे या इससे अधिक होंगे ताकि यात्रियों को टिकट कंफर्म मिल सके।

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मेक इन इंडिया नीति के तहत बनाए जाएंगे ट्रेन के डिब्बे

रेलवे ने प्राइवेट ट्रेनों के लिए रूट प्रस्तावित कर दिए हैं। ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को आमंत्रित किया जा चुका है। इन सभी ट्रेनों के डिब्बे मेक इन इंडिया की नीतियों के तहत ही बनाए जाएंगे। इन ट्रेनों को दौड़ाने की जिम्मेदारी रेलवे के चालक की होगी। इसके अलावा गार्ड भी रेलवे का ही होगा। ट्रेन संचालन की व्यवस्था, टिकट जांच और खानपान भी कंपनियों के जिम्मे होगा। रेलवे ने जिन रूटों पर यात्रियों की संख्या अधिक है और वेटिंग टिकट ही मिलता है वहां इन ट्रेनों को दौड़ाने का फैसला लिया है।


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